Advertisment

Law And Her: 5 संवैधानिक अधिकार जो हर भारतीय लड़की को पता होनी चाहिए

हमारे संविधान में हर इंसान या जीवित प्राणी के लिए कानून है, अधिकार हैं और उनके रखवालें भी हैं लेकिन फिर भी भारीतय नारियों को एक्सप्लॉइट किया जाता है इसलिए अपने अधिकारों की जानकारी होना बहुत ही अनिवार्य है।

author-image
Ayushi Jha
New Update
Law and Her

Law And Her: देश को आज़ाद हुए अब लगभग 76 साल हो गये हैं, तो हम यह उम्मीद भी रखतें हैं की देश में रहने वालों की सोच भी उतनी ही आगे बढ़ी हो। लोगो का दिमाग, उनकी सोच, उनके ख्याल अब समय और परिस्थिति के साथ बदले और उनमे विकास हो और ख़ास कर के लड़कियों को लेकर उनकी सोच आगे बढ़े। ऐसा इसलिए ज़रूरी है क्यूंकि इस देश में अभी भी कईं ऐसे जगह, घर और समाज हैं जो की लड़कियों को उनके अधिकार ना ही जानने देते हैं और ना ही उनपर एक्शन्स लेने देते हैं। सवाल यह भी है की लेकिन ऐसा क्यों होता है? हमारे संविधान में हर इंसान या जीवित प्राणी के लिए कानून है, अधिकार हैं और उनके रखवालें भी हैं लेकिन फिर भी भारीतय नारियों को एक्सप्लॉइट किया जाता है इसलिए अपने अधिकारों की जानकारी होना बहुत ही अनिवार्य है। आइये इस ब्लॉग में पढ़े 5 संवैधानिक अधिकार जो हर भारतीय लड़की को पता होनी चाहिए। 

Advertisment

5 संवैधानिक अधिकार जो हर भारतीय लड़की को पता होनी चाहिए

(5 Constitutional Rights Every Indian Girl Should Know)

1. समानता का अधिकार

Advertisment

भारत के संविधान के अनुसार हर इंसान, स्त्री हो या पुरुष, के बीच भेद भाव नहीं किया जाना चाहिए, चाहे वह किसी भी जात-पात, रंग या अन्य धर्म का ही क्यों न हो। इस अधिकार से महिलों को भी हर अवसर के लिए आज़ादी होती है जिससे वह अपने सपने और जीवन को इज़्ज़त से जी पाएं। 

2. गरिमा और शालीनता का अधिकार

Advertisment

इस के अनुसार हर औरत या महिला से आदर और सम्मान के साथ बर्ताव किया जाएगा। इस अधिकार से उनपर कोई भी हरस्मेंट या एब्यूज जो उनके मान को हानि पहुँचाता हैं, उससे उनकी रक्षा करता है। 

3. शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और राजनीतिक भागीदारी का अधिकार

Advertisment

महिलाओं को भी उनके स्वास्थ्य की देखभाल, शिक्षा और राजनिती में भाग लेने का पूर्ण अधिकार होता है। उनका जागरूक और जानकारक होना बहुत ही ज़रूरी है साथ ही साथ उनका स्वस्थ रहना भी। 

4. घरेलू हिंसा के ख़िलाफ़ अधिकार

महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा कितने ही सालों से होते आएं हैं। इनके लिए कानून होतें हैं जो की अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाता हैं। 

5. कार्यस्थल पर अधिकार

कार्यस्थल पर समानता और बराबरी का अवसर मिलना भी औरतों के लिए लक्ज़री ही हो जाता है। इसको प्रोटेक्ट करने के लिए कानून होते हैं जो की महिलाओं को बराबर सैलरी और इज़्ज़त देने जैसे बातों पर निर्भर होता है।

अधिकार Law And Her
Advertisment