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(Image source: Sage Perspectives Blog)
Teach Your Daughters Self Defense: आज का समाज भले ही महिलाओं के लिए काफी उच्चाईयाँ और मौके आगे लेकर आ रहा है लेकिन इनके साथ साथ महिलाओं के लिए अभी तक एक सुरक्षित वातावरण बनाने में असक्षम ही है। दिन पर दिन महिलाओं के खिलाफ कुछ ना कुछ अपराध सामने आते ही रहते हैं। महिलाओं में एक इंस्टिंक्ट होता है किसी भी गुड टच या बाद टच को लेकर। जब किसी के साथ कोई ऐसी घटना होती है, तो लोग बड़ी आसानी से कह तो देते हैं कि आवाज़ उठानी चाहिए, चिल्लाना चाहिए था, हाथ उठा देना चाहिए था, लेकिन अधिकतर सहन की हुई महिलाओं से पूछने पर यही जावाब आता है कि ऐसे सिचुएशन में हमारा दिमाग सुन्न हो जाता है। आँखो में आंसू, गुस्सा और बहुत ही गंदी फीलिंग होती है। ये सिचुएशन हज़ारों महिलाओं के साथ रोज़ाना होती है, कभी बसेस में या ट्रैन में या ऑटो में या बस किसी भी भीड़ में। महिलाओं के खिलाफ और भी कितने क्राइम्स की संख्या बढ़ती ही जाती है। ऐसे में हमें अपनी बेटियों और महिलाएं खुद को सेल्फ डिफेन्स ज़रूर सीखें और सिखाएं।
अपनी बेटियों को सेल्फ डिफेन्स सिखाना क्यों ज़रूरी है?
सेल्फ डिफेन्स की ज़रूरत देश की महिलाओं और बेटियों को बहुत है। डर कर जीना, ना जीने से बत्तर होता है। हर पल इस खौफ में रहना की कभी किसी अपराध का शिकार हम ना बन जाये, इस डर के साथ हमेशा जीना एक बहुत ही मुश्किल काम होता है। आजकल के माँ बाप को अपनी बेटियों को फिजिकली और मेंटली स्ट्रांग और स्मार्ट बनाना बहुत ज़रूरी है ताकि कभी उनके साथ ऐसा होने से वो रोक पाएं।
उन्हें सेल्फ डिफेन्स क्लासेज में एनरोल कराएं। जागरूकता और परहेजता के बारे में सिखाएं और बताएं। उन्हें बेसिक टेक्निक्स सिखाएं और उनके साथ प्रैक्टिस भी करते रहें। सुरक्षा के लिए उन्हें खुद भी सक्षम बनाएं। कुछ लोगों का इसपर ये भी कहना है की बेटियों को जितना भी सीखा दो, रहेंगी तो आदमियों से कमज़ोर ही ना, तो उनके लिए ये बात है की अपने बेटों को भी सिखाएं की क्या गलत है क्या सही ताकि वो भी इस फ़र्क़ को जान सकें और किसी की बेटी से साथ कभी कोई गलत काम ना करें।