Menstrual Suppression: पीरियड्स के दौरान होने वाली तमाम तरह की समस्याओं से परेशान होकर आज कल महिलाएं समय से पहले ही अपने पीरियड्स को बंद करवाना चाहती हैं। ऐसे में वे कई तरह के उपाय अपनाती हैं और मेन्स्त्रुअल सप्रेशन ट्रीटमेंट का सहारा लेती हैं। जिसकी वजह से तमाम तरह की समस्याएं तो होती ही हैं साथ ही भविष्य के लिए हेल्थ से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं। अक्सर ही कुछ महिलाएं पीरियड्स को एक समस्या की तरह देखती हैं और इससे जल्द से जल्द छुटकारा भी पाना चाहती है। ऐसे में महिलाएं पीरियड्स को रोकने के लिए मेन्स्त्रुअल सप्रेशन ट्रीटमेंट का सहारा लेटी हैं। वैसे तो इस ट्रीटमेंट की शुरुआत शारीरिक रूप से अक्षम महिलाओं और महिला सैनिकों के लिए की गई थी लेकिन आज कल बहुत सी महिलाएं इस ट्रीटमेंट का सहारा लेकर अपने पीरियड्स को रोक रही हैं।
जानिए मेन्स्त्रुअल सप्रेशन से क्या साइड इफेक्ट्स होते हैं
1. ब्लीडिंग की समस्या होना
कुछ महिलाओं को अप्रत्याशित या फिर इर्रिगुलर ब्लीडिंग पैटर्न का अनुभव हो सकता है, जैसे कि ब्रेकथ्रू ब्लीडिंग या स्पॉटिंग, यह समस्या ज्यादातर मेन्स्त्रुअल सप्रेशन ट्रीटमेंट के बाद के कुछ महीनों में हो सकती है।
2. हार्मोनल चेंजेस
मेन्स्त्रुअल सप्रेशन में महिलाओं के शरीर में हार्मोन्स में बदलाव होना एक आम बात है, लेकिन हार्मोनल चेंजेस की वजह से महिलाओं को कई समस्याएं हो सकती हैं जो उनके स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव डाल सकते हैं। इनमें मूड स्विंग्स, स्तन कोमलता, वजन बढ़ना या कम होना, सिरदर्द और उल्टी जैसी समस्याएं शामिल हो सकती हैं।
3. बोन डेन्सिटी कम होना
मेन्स्त्रुअल सप्रेशन के लिए कुछ हार्मोनल गर्भ निरोधकों का उपयोग लंबे समय तक किया जाता है, जो विशेष रूप से प्रोजेस्टिन युक्त होता है, जिससे बोन डेंसिटी में कमी आ सकती है। जो संभावित रूप से आने वाले कुछ समय में ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को बढ़ावा दे सकता है।
4. वजाइनल ड्राईनेस
मेन्स्त्रुअल सप्रेशन से होने वाले हार्मोनल बदलावों के कारण कुछ महिलाओं को योनि में सूखापन या कम लुब्रिकेशन का अनुभव हो सकता है। इससे सेक्स के समय प्रॉब्लम या पेन हो सकता है। इसलिए मेन्स्त्रुअल सप्रेशन ट्रीटमेंट लेने से पहले विचार जरुर करना चाहिए।
5. फर्टिलिटी पर प्रभाव
मेन्स्त्रुअल सप्रेशन के बाद ज्यादातर ऐसा होता है कि यह ज्यादा समय के लिए फर्टिलिटी की समस्या नहीं होने देता है लेकिन हार्मोनल गर्भ निरोधक लेने और अन्य तरह के ट्रीटमेंट से पीरियड बंद करने के बाद प्रजनन क्षमता को वापस आने में कुछ टाइम लग सकता है। कभी-कभी यह ज्यादा बढ़ जाता है जिसके कारण गर्भधारण करने में समय लगता है साथ ही कभी कभी ऐसा भी होता है कि आप कभी भी गर्भधारण ना कर सकें।