Are Women More Prone To Depression Than Men: दुनिया के काफी सारे स्टडीज़ यह कहते हैं की मर्दो से ज़्यदा महिलाएं डिप्रेशन, एंग्जायटी जैसे बीमारियों के शिकार हो जाती हैं। मर्दो से दो गुना ज़्यादा औरतों को डिप्रेशन होता है। कुछ लोग इसे बस मज़ाक में लेते हैं या इस बात की गहराई और सीरियसनेस को नहीं समझते हैं। इंसानों का शरीर बहुत ही काम्प्लेक्स होता है और महिलाओं का ख़ास कर के। इसके बारे में जबतक हम ठीक से जानेंगे नहीं तबतक हम अपने आस पास किसी ज़रूरतमंद की मदद भी नहीं कर पाएंगे। आइये इस ब्लोग में पढ़े महिलाएं क्यों पुरुषों से ज़्यादा डिप्रेशन की शिकार हो जाती हैं।
कया महिलाएं पुरुषों से ज़्यादा डिप्रेशन की शिकार होती हैं?
1. हॉर्मोनल बदलाव
महिलाओं के शरीर में मेजर रोल हॉर्मोन्स का होता है जो लगभग सब कुछ को कण्ट्रोल करता है। एक पुरुष के शरीर और दिमाग में उनके मूड का साइकिल दिन के शुरुआत में हाई टेस्टेस्टोरॉन से होता है और शाम तक कम हो जाता है वहीँ महिलाओं में दिन में बहुत ही हाई और लौ हॉर्मोन फ्लक्चुएशन होते रहते हैं और यह पुरे महीने के लिए हर हफ्ते बदलता रहता है।
2. पोस्टपार्टम डिप्रेशन
चाइल्ड बिरथ के बाद एक माँ के शरीर और जीवन में बहुत बदलाव आते हैं। इसी कारणों से अक्सर महिला के मंद में बहुत ही अकेलापन हो जाता है और ऐसे ही में वह डिप्रेस्ड हो जाते हैं।
3. मेनोपौसाल डिप्रेशन
महिलाओं में बिओलॉजिकली पीरियड्स एक उम्र के बाद बंद हो जाने का कईं असर शरीर और दिमाग पर पड़ता है जिससे की उनके मूड स्विंग्स और एंग्जायटी और चिड़चिड़ापन भी हो जाता है समय के साथ साथ। इस वजह से भी कईं महिलाओं को डिप्रेशन हो जाता है।
4. सोइटल नॉर्म्स का प्रेशर
एक महिला को अपने जीवन में कईं सारे भारी किरदार पुरे दिन सही से निभाने का भार लेकर चलना परता है। दिन में ऑफिस और शाम में घर का काम, बच्चे, परिवार सब कुछ, और इतने कामों में उनसे हर जगह सब कुछ सही करने की उम्मीद रखी जाती है। यही प्रेशर अक्सर महिलाओं को डिप्रेस्ड कर देती है और वह खुदकी मदद ना कर पाती है और ना ही खुदके लिए मदद मांग पाती है।