Benefits Of Using Menstrual Cup : बात करें पीरियड्स तो सब से पहले सैनिटरी नैपकिन और टैम्पोन आता है ज्यादा फ्लो है तो पैड बदलने का टेंशन, दाग लग जाने का टेंशन ऊपर से पैड्स खत्म हो जाने पर बार-बार मार्केट जाने का टेंशन। लेकिन अब बाजार में मेंस्ट्रुअल कप (Menstrual Cup) के रूप में हर महीने के बचाव का एक हाइजीनिक तरीका मौजूद है। जिसकी जानकारी अब भी बहुत-सी महिलाओं को कम होती है। तो आज हम आपको मेंस्ट्रुअल कप के बारे में बताते हैं। ताकि आप भी अपने पीरियड्स के वक्त और अच्छी तरह सावधान रह सकें।
मेन्सट्रुअल कप के बारे जानें
1. मेन्सट्रुअल कप क्या है
मेन्सट्रुअल कप एक रबर, सिलिकाॅन या लैटेक्स से बना एक छोटा, लचीला कोन के आकार का कप होता है, जिसे महिलाएं अपने वजाइना में डालती हैं। इससे पीरियड्स का सारा ब्लड इकट्ठा हो जाता है।
2. मेंस्ट्रुअल कप को स्टोर करने के लिए कंटेनर खरीदे
अपने मेंस्ट्रुअल कप का उपयोग करने से पहले, इसे लगभग 3-5 मिनट तक इसे उबालें। धयान रखे की मेंस्ट्रुअल कप का निचला हिस्सा उबलते वक्त छू तो नही रहा है क्युकी गलत करने से इन्फेवशन का खतरा हो सकता है। और फिर उसका उपयोग करने के बाद उसे एक अच्छे साफ कंटेनर में रख दें।
2. मेंस्ट्रुअल कप को छूने से पहले अपने हाथ धोएं
मेंस्ट्रुअल कप का इस्तेमाल करने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह से धोना चाहिए। हाथों को सैनिटाइजर से साफ न करें क्योंकि सैनिटाइजर में अल्कोहल होता है तो इस से इचिंग और अन्य इन्फेक्शन का खतरा हो सकता है ।
3. सही मेंस्ट्रुअल कप फोल्ड्स करने के तरीके
मेंस्ट्रुअल कप को पहले C-शेप में फोल्ड करें, फिर वजाइना में इंसर्ट करे। ऐसा करने से ये वजाइना की बाहरी लेयर में फिट हो जाता है। इसे लगाने के बाद हाथ से हल्का घुमाकर देखें अगर अच्छे से फिट हो गया होगा तो आसानी से घूम जाएगा। मेंस्ट्रुअल कप को लगाने के बाद कैसा भी फ्लो हो 12 घंटे तक बदलने की जरूरत नहीं है।
4. मेंस्ट्रुअल कप पहनने की उम्र
मेंस्ट्रुअल कप पहनने की कोई उम्र नहीं होती है ये सभी महिला पर निर्भर करता है की वो कैसे इस्तमाल करती है और उन्हे ज्यादा कम्फर्टेबल कया लगता है। पूरी जानकारी हो तो कोई भी काम कभी भी किया जा सकता है। नई शुरुआत की कोई उम्र नहीं होती। मेंस्ट्रुअल कप एक हाइजीनिक तरीका है पीरियड्स के दौरान इस्तमाल करने का।
5. मेन्सट्रुअल कप को इस्तेमाल करने के फायदे
- एक मेंस्ट्रुअल कप कई साल तक काम करता है। मान लीजिए हर महीने महंगे सैनिटरी नैपकिन के खर्चे से राहत।
- बार-बार बदलने का झंझट नहीं होता है।
- किसी भी पोजीशन में सो सकते है ऐसे लिकेज की समस्या नही होती है।
- टैम्पोन में कप के मामले मे ज्यादा केमिकल पाया जाता हैं, यानि कप इस्तेमाल करने से बीमारियों का डर कम रहता है। बस इसकी साफ-सफाई का ध्यान रखना होगा।
- ना दागा का टेंशन नहीं, ना ही भारी फ्लो के वक्त परेशान होने का टेंशन होगा।
- क्योंकि एक ही मेंस्ट्रुअल कप कई साल तक चलता है, तो हर बार पीरियड्स के शुरू होते ही मेडिकल स्टोर जाने की ज़रूरत नहीं।
- कहीं बाहर जाने पर पैड बदलने या उसे फेंकने का टेंशन नहीं होता है।