Causes Of Female Infertility: महिलाओं में बांझपन की समस्या हो सकती है। इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि हार्मोनल असंतुलन, ओवरियन सिंड्रोम, गर्भाशय के संक्रमण, गर्भाशय या गर्भाशय के पास की कोई अवस्था या उम्र के साथ कंसीव करने की क्षमता में कमी। बांझपन महिलाओं को शारीरिक, भावनात्मक, और सामाजिक रूप से प्रभावित कर सकता है जिससे उनका आत्मविश्वास कम हो सकता है।
महिलाओं में बांझपन को बढ़ा सकते हैं ये 7 कारण
1. हार्मोनल इंबैलेंस
हार्मोन्स शारीरिक एक्टिविटीज को नियंत्रित करते हैं, जिसमें कंसीव करने की क्षमता भी शामिल है। हार्मोनल असंतुलन कई कारणों से हो सकता है, जैसे कि थायरॉइड समस्याएं, ओवेरियन समस्या, अथवा अन्य हार्मोनल विकार।
2. अधिक वजन के कारण
अतिरिक्त वजन शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है, जिससे हार्मोनल असंतुलन होता है और बच्चे को यूट्रेस में कैर्री करने की क्षमता कम हो सकती है। इसके अलावा अतिरिक्त वजन के कारण हार्मोनल बदलाव हो सकते हैं, जो अंडाशयों और गर्भाशय के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं।
3. पीसीओडी (PCOD)
PCOD एक स्त्री हॉर्मोनल विकार है जो अनियमित मासिक धर्म, अंडाशय में परेशांनी और हार्मोनल असंतुलन के साथ आता है। यह स्थिति प्रेग्नेंट होने की क्षमता को प्रभावित कर सकती है, जिससे बांझपन का खतरा बढ़ सकता है। पीसीओडी के संबंधित लक्षण में शामिल हैं: अनियमित मासिक धर्म, अतिरिक्त बालों का विकास, वजन बढ़ना, त्वचा में खराबी, और दर्द।
4. यौन संक्रमण
यह इन्फेक्शन गर्भाशय और गर्भाशय नलिकाओं को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे कंसीव करने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। कुछ यौन इन्फेक्शन जैसे कि च्लामीडिया, गोनोरिया, और इत्रियल इन्फेक्शन कारणों के रूप में काम कर सकते हैं। इन इन्फेक्शनों का समय पर उपचार करवाना महत्वपूर्ण है, ताकि इसके नकारात्मक प्रभाव को रोका जा सके और प्रेग्नेंट होने की उम्मीद बनी रह सके।
5. डायबिटीज
डायबिटीज शरीर के शुगर लेवल को कंट्रोल करने में समस्याएं पैदा कर सकता है, जो अंडाशयों और गर्भाशय के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। अधिक शुगर लेवल में प्रेगनेंसी चान्सेस कम हो सकते है और गर्भावस्था के दौरान समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।
6. आनुवांशिक
यदि किसी महिला के परिवार में बांझपन की समस्या है, तो उसकी जेनेटिक प्रवृत्ति इसे अनुभव करने की संभावना को बढ़ा सकती है। इसमें विभिन्न आनुवांशिक गुणों और विकारों का प्रभाव हो सकता है, जो गर्भाधान की क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं।
7. कोई लंबी बीमारी
कुछ महिलाओं को बचपन या जवानी के समय में हुई किसी लम्बी बीमारी के होने की वजह से भी बाँझपन हो सकता हैं। लम्बे इलाज़ के कारण जैसे दवाइयों अधिक लेने से औरतों के शरीर और उनके प्रोडक्टिव सिस्टम पर असर पड़ सकता है। यह महिलाओं के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है और उनके जीवन में लंबी अवधि तक बना रह सकता है।
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