कितनी ही महिलाएँ और पुरुष वजाइना, वल्वा (Vulva) और क्लिटोरिस (Clitoris) में फर्क नहीं जान पाते और इसे एक ही पार्ट समझ बैठते हैं। तो आइए जानते हैं की यह तीनों एक-दूसरे से कितने अलग हैं और इनका हमारी बॉडी में क्या महत्व हैं।
क्या है वजाइना, वल्वा और क्लिटोरिस के बीच फर्क?
वजाइना शरीर का एक ऐसा हिस्सा है जिस पर कई लोग बात करने से हिचकते हैं जबकी यह हमारे शरीर का इतना महत्वपूर्ण हिस्सा है। ज्यादातर महिलाएं इस विषय से शर्माती हैं या शर्मिंदा हो जाती हैं, लेकिन इसमें शर्मिंदा होने की कोई बात नहीं है। और शर्म की वजह से हम अपनी बॉडी के इतने महत्वपूर्ण पार्ट को अच्छी तरह जान नहीं पाते।
Know Your Body
- Vagina: वजाइना हमारे शरीर के अंदर की एक मस्कुलर कैनाल है, जो (Uterus) से जुड़ी होती है। जो हिस्सा बाहर की तरफ होता है जो आपके कपड़ों को छूता है वह vulva है। आपकी वजाइना के बाहरी सारे अंग प्युबिक हेयर से घिरे होते हैं जो एक मैकेनिकल बैरियर के तौर पर और वजाइना की सेंसिटिव स्किन की सुरक्षा के लिए काम करते है। सेक्स के दौरान पेनिस का penetration भी वजाइना में होता है, ना की वल्वा में।
- Vulva: फीमेल सेक्सुअल पार्ट के दो हिस्से होते हैं, जिसमें बाहरी हिस्सा वल्वा(vulva) और भीतरी हिस्सा वजाइना होती है। वल्वा देखने में होंठ जैसा होता है। बाहरी होंठ या बड़े होंठ को लेबिया मेजोरा कहते हैं और भीतरी होंठ यानि छोटे होंठ को लेबिया माइनोरा कहते हैं।
- Clitoris: क्लिटोरिस का सिर भीतरी लैबिया के ऊपर होता है यानी जहां दोनों लैबिया मिलते हैं। यह लगभग तीन से आठ मिलीमीटर तक के एक छोटे गांठ के जैसा होता है। इसकी बनावट पुरूषों के पेनिस की तरह होती है, जिसमें एक सिर होता है जो छूते ही बहुत उत्तेजित (stimulate) हो जाता है। क्लिटोरिस एक मटर के जितना बड़ा होता है, लेकिन यह मटर से भी छोटा हो सकता है और इसकी नोक थोड़ी ढकी हो सकती है। एक महिला के क्लिटोरिस का रंग उसकी त्वचा के रंग पर निर्भर करता है। यह गुलाबी, गहरा लाल, या भूरा हो सकता है।
अंतर को समझना है जरुरी
ज्यादातर महिलाएं इस विषय से शर्माती हैं या शर्मिंदा हो जाती हैं, लेकिन इसमें शर्मिंदा होने की कोई बात नहीं है। और शर्म की वजह से हम अपनी बॉडी के इतने महत्वपूर्ण पार्ट को अच्छी तरह जान नहीं पाते। लेकिन आपको कम से कम अपनी बॉडी की जानकारी होना बहुत जरुरी है।