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Mother's Health: क्या चार बच्चों से अधिक होना बढ़ा सकता है हार्ट डिजीज का खतरा?

एक सर्वे में पाया गया है कि जिन महिलाओं के अधिक बच्चे होते हैं अक्सर अधिक बाकी महिलाओं के मुताबिक 30% अधिक हार्ट रिलेटेड बीमारियों का खतरा होता है। आइये जानते हैं कि इन सब गंभीर बीमारियों का आखिर कारण से होता क्या है?

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Anshika Pandey
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(Image Credit: Pinterest)

Do Heart Problem Risk Increase With More Babies: अक्सर घरों में देखा जाता है कि परिवार नियोजन न करने परिवार के दबाव और सही शिक्षा न होने के कारण कई बार महिलाऐं बार-बार प्रेगनेंसी से गुजरती हैं। प्रेगनेंसी को केवल ऊपर वाले की देन समझ कर के ही स्वीकार कर लिया जाता है। क्या आप जानते हैं कि बहुत अधिक बच्चे करने से भी महिलाओं में हार्ट से रिलेटेड बीमारियों का खतरा धीरे-धीरे बढ़ जाता है? एक सर्वे में पाया गया है कि जिन महिलाओं के अधिक बच्चे होते हैं अक्सर अधिक बाकी महिलाओं के मुताबिक 30% अधिक हार्ट रिलेटेड बीमारियों का खतरा होता है। 17% हार्ट फेलियर के रिस्क होता है। साथ ही 25% स्ट्रोक का भी रिस्क पाया जाता है। आइये जानते हैं कि इन सब गंभीर बीमारियों का आखिर कारण से होता क्या है?

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क्या चार बच्चों से अधिक होना बढ़ा सकता है हार्ट डिजीज का खतरा?

1. वेट गेन 

प्रेगनेंसी के दौरान अक्सर महिलाओं को पौष्टिक भोजन खाने और एक्सरसाइज न करने की भी सलाह दी जाती है। जबकि महिलाओं के लिए एक्सरसाइज काफी ज्यादा आवश्यक होता है खासकर प्रेगनेंसी के दौरान। ऐसे में वेट गेन होना स्वाभाविक है। जिसके कारण हार्ट रिस्क का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है।

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2. हार्ट साइज का बढ़ना

प्रेगनेंसी के दौरान एक महिला का दिल साइज में बढ़ जाता है। क्या काफी ज्यादा स्वाभाविक होता है पर बार-बार यही प्रक्रिया होने से हार्ट पर काफी ज्यादा असर पड़ता है जो की लॉन्ग टर्म में नुकसान दे सकता है। 

3. ज्यादा ब्लड पंप करना

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जब एक औरत प्रेग्नेंट होती है तो मां का दिल ज्यादा ब्लड पंप करता है। जिसे दिल पर जोर पड़ता है। यह प्रक्रिया काफी नॉर्मल होती है पर यही प्रक्रिया बार-बार होने पर दिल पर जोर पड़ता है उसके कारण हार्ट रिलेटेड डिजीज का खतरा बढ़ जाता है।

4. कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना

प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं में कोलेस्ट्रॉल फैट काफी ज्यादा बढ़ जाता है प्रेगनेंसी के बाद धीरे-धीरे से सही खान बन एक्सरसाइज से काम भी कर लिया जाता है पर बार-बार जो महिलाएं प्रेगनेंसी से गुजरती हैं उनमें बार-बार फैट और कोलेस्ट्रॉल के उतार और चढ़ाव से हार्ट रिलेटेड डिजीज का खतरा बढ़ता है। 

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5. स्ट्रेस 

प्रेगनेंसी के दौरान होने वाले हार्मोनल उतार-चढ़ाव काफी ज्यादा नॉर्मल होते हैं। इन सबके कारण कई बार मूड स्विंग, चिड़चिड़ापन, गुस्सा, डिप्रेशन और स्ट्रेस भी देखा जाता है। स्ट्रेस हार्ट रिलेटेड डिजीज का सबसे बड़ा कारण होता है।

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