FAQs About Uterus Cancer: जब सेक्सुअल हेल्थ की बात आती है तो महिलाओं के पास इसके बारे में बेसिक जानकारी भी नहीं होती है जो बिल्कुल सही बात नहीं है। इसके बारे में जानने की कोई कोशिश भी नहीं करता है। आज भी सेक्स हमारे समाज में टैबू टॉपिक है। इसके बारे में बात करना लोग आज भी अच्छा नहीं समझते हैं जब भी कोई भी बात हमारी सेक्सुअल या रिप्रोडक्टिव हेल्थ जुड़ी होती है तो लोग या तो उस बात को चुप करवा देते हैं या फिर खुद ही उठकर चले जाते हैं। आज के हम इस आर्टिकल में हम यूट्रस कैंसर के बारे में बात करेंगे जो कि बहुत कम महिलाओं को इसके बारे में पता होता है-
यूट्रस कैंसर से संबंधित सवालों के जवाब जानें
यूट्रस कैंसर क्या है?
महिलाओं के रिप्रोडक्टिव सिस्टम का यूट्रस जो पेल्विस में एक पीयर शेप्ड ऑर्गन है जहां पर प्रेग्नेंट होने के बाद बच्चा ठहरता और ग्रो करता है। यूट्रस कैंसर तब होता है जब यूट्रस में सेल्स असामान्य रूप से बढ़ने लग जाते हैं। गर्भाशय कैंसर के दो मुख्य प्रकार हैं: एंडोमेट्रियल कैंसर, जो बहुत आम है और गर्भाशय सार्कोमा, जो बहुत रेयर है। इसके साथ ही इस कैंसर की चार स्टेज होती हैं।
यूट्रस कैंसर के क्या लक्षण होते हैं?
यूट्रस कैंसर के बहुत सारे लक्षण हो सकते हैं जैसे कि महिलाओं को मेनोपॉज के बाद भी ब्लीडिंग हो सकती है या फिर पीरियड्स के दिनों में भी ब्लीडिंग महसूस हो सकती है। आपके पीरियड्स में गड़बड़ी हो सकती है जैसे पीरियड हेवी हो सकते हैं, इरेगुलर हो सकते हैं या फिर बहुत दिनों तक रह सकते हैं। आपको बार-बार पेशाब जाना पड़ सकता है। वजन पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है जैसे वजन कम होने लग जाता है। आपके पीरियड्स के अलावा भी बाकी दिनों में भी ब्लीडिंग हो सकती है। इन सबके अलावा भी आपको अन्य लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं।
क्या इसका इलाज संभव है?
जी हां, यूट्रस कैंसर का इलाज बहुत सारे तरीकों से किया जा सकता है जैसे सर्जरी, जिसमें ऑपरेशन के जरिए कैंसर टिशु को रिमूव कर दिया जाता है ,इसके साथ ही रेडिएशन, कीमोथेरेपी या फिर टारगेटेड थैरेपीज को भी इस्तेमाल किया जा सकता है ताकि कैंसर सेल्स को खत्म किया जा सके।
किन महिलाओं में यूट्रस कैंसर का खतरा ज्यादा होता है?
यूट्रस कैंसर का खतरा उन महिलाओं में ज्यादा होता है जिनकी उम्र 50 साल या उससे ज्यादा होती है। इसके साथ ही अगर आप मोटापे के शिकार है या आपका वजन बहुत ज्यादा है तो इसके कारण आपके एस्ट्रोजन हार्मोन ज्यादा प्रोड्यूस होते हैं, इससे भी यूट्रस कैंसर का खतरा हो सकता है। इसके साथ ही अगर आपकी फैमिली हिस्ट्री में किसी को यूट्रस कैंसर है या था तो आपकी जेनेटिक्स के जरिए भी आपको इसका खतरा बढ़ सकता है। अगर आपको टाइप 2 डायबिटीज है तब भी आप यूट्रस कैंसर के हाई रिस्क पर हो सकते हैं। इसके अलावा और भी बहुत सारे कारण हो सकते हैं जिससे आप यूट्रस कैंसर के लिए ज्यादा सेंसिटिव हो सकते हैं।
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