Risk Of Infertility: बहुत से लोगों की यह समस्या होती है कि बच्चा कंसीव नहीं कर पा रहे हैं इनफर्टिलिटी के कारण। इनफर्टिलिटी एक सीरियस इशू है। आपको बता दें की इसको समय रहते सुधारा जा सकता है। अपनी दैनिक दिनचर्या में कुछ चीज ने बदलाव लाकर हम इस समस्या से दूर रह सकते हैं। आज के इस ब्लॉग में जानें 5 चीजें जो इनफर्टिलिटी का कारण बनती है।
5 चीजें जो इनफर्टिलिटी का बनती हैं कारण
1. धूम्रपान और नियमित शराब का सेवन
हमेशा ध्यान रखें धूम्रपान कभी भी अच्छा नहीं होता है! आपको बता दें की धूम्रपान करने वाला तम्बाकू पुरुषों और महिलाओं दोनों में प्रजनन क्षमता को कम कर सकता है। यह गर्भपात, कम शुक्राणुओं की संख्या का कारण बन सकता है और प्रजनन उपचार की प्रभावशीलता को भी कम कर सकता है।
2. अधिक वजन या कम वजन होना
अधिक वजन होने से भी पुरुषों और महिलाओं दोनों में इनफर्टिलिटी का खतरा बढ़ सकता है। साथ ही कम वजन होना या खाने के विकार, जैसे एनोरेक्सिया या बुलिमिया, आपको इनफर्टिलिटी के मुद्दों के प्रति अधिक संवेदनशील बनाते हैं। वजन को नियंत्रित करने के लिए एक अच्छी डाइट अपनाएं व नियमित रूप से एक्सरसाइज जरूर करें।
3. आयु
हाँ! आपने बिलकुल सही सुना है! उम्र आपकी प्रजनन यात्रा में एक एहम भूमिका निभाती है। प्रजनन क्षमता धीरे-धीरे उम्र के साथ कम होती जाती है, खासकर 30 के दशक के मध्य के बाद। यह हार्मोनल परिवर्तन, एग्स की गुणवत्ता और उम्र से संबंधित अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण होता है।
4. कुछ स्वास्थ्य स्थितियां
पीसीओएस, ओव्यूलेशन विकार, गर्भाशय असामान्यताएं या पीआईडीएस जैसी स्वास्थ्य स्थितियां महिलाओं में प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं। इसलिए महिलाओं को समय-समय पर अपने कुछ टेस्ट कराते रहना चाहिए। यदि उन्हें लगता है वह PCOS जैसी समस्याओं से पीड़ित है तो बता दे इन समस्याओं का यदि समय पर इलाज हो जाए तो हम आसानी से ठीक हो सकते हैं। किसी भी बीमारी का यदि समय से इलाज नहीं होता तो वह बीमारी को घातक बना सकता है।
5. ओव्यूलेशन डिसॉरडर
इन्फर्टिलिटी के अधिकांश मामलों के लिए बार-बार ओव्यूलेशन या बिल्कुल नहीं होना शामिल है। आपको बता दें की हाइपोथैलेमस या पिट्यूटरी ग्रंथि द्वारा प्रजनन हार्मोन के नियमन में समस्याएं या अंडाशय में समस्याएं ओव्यूलेशन विकार पैदा कर सकती हैं।
चेतावनी : प्रदान की जा रही जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्य से है। कुछ भी प्रयोग में लेने से पूर्व चिकित्सा विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श लें।