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Habits Every 40 Plus Women Should Adopt: 40 की उम्र के बाद बहुत सारी महिलाओं को लगता है कि शायद उनकी ज़िंदगी खत्म हो गई है और उनकी ज़िंदगी में अब कोई मज़ा नहीं रहा। अब उनकी सेहत भी पहले जैसी अच्छी नहीं रही लेकिन यह बात भी सच है कि इस उम्र के बाद मेटाबॉलिज्म स्लो होने लग जाता है और हार्मोनल बदलाव होते हैं। आज हम बहुत ही सरल तरीके से आपको कुछ आदतें बताएंगे जिन्हें आप अपनी ज़िंदगी में अपनाने के बाद बड़ा बदलाव ला सकती हैं।
40 के बाद हर महिला जरूर अपनाएं ये आदतें
पौष्टिक आहार
पौष्टिक आहार खाना बहुत जरूरी है। इसके लिए आप अपनी डाइट में हरी सब्ज़ियाँ, फल, लीन प्रोटीन जैसे फिश, पोल्ट्री, अंडे और टोफू, हेल्दी फैट्स जैसे एवोकाडो और ऑलिव ऑयल को ज़रूर शामिल करें। प्रोटीन पर खास ध्यान दें और यह सुनिश्चित करें कि आपकी डाइट में प्रोटीन की मात्रा कम न हो।
खूब सारा पानी पिएं
हम सब जानते हैं कि हेल्दी रहने के लिए पानी पीना बहुत ज़रूरी है लेकिन हम पानी पीना भूल जाते हैं। इसलिए रोज़ाना कम से कम 8 गिलास पानी पीना बहुत ज़रूरी है ताकि आप अपनी बॉडी को हाइड्रेट रख सकें। इससे आपको आपकी सेहत और ऊर्जा में सपोर्ट मिलेगा।
फिजीकल एक्टिवटी
40 के बाद बहुत सारी महिलाओं में वजन बढ़ने लग जाता है और यह बहुत ही बड़ा चिंता का कारण बन जाता है। इसकी वजह हार्मोनल बदलाव हो सकते हैं। बॉडी फैट में बदलाव आता है और बहुत सारी महिलाएं 40 के बाद इनएक्टिव हो जाती हैं, जिसकी वजह से वजन और बढ़ जाता है। इसलिए यह एक बड़ा कारण है वजन बढ़ने का। इसी वजह से आपको एक्सरसाइज़ ज़रूर करनी चाहिए।
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग
आप स्ट्रेंथ ट्रेनिंग कर सकती हैं। कार्डियोवैस्कुलर एक्सरसाइज़ हार्ट हेल्थ के लिए बहुत अच्छी होती है। बॉडी में फ्लेक्सिबिलिटी और बैलेंस लाने के लिए आपको योग ज़रूर करना चाहिए।
रेगुलर चेकअप करें
रेगुलर चेकअप करवाना बहुत ज़रूरी है। इस उम्र के बाद आपको ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, थायरॉइड और डायबिटीज़ जैसी समस्याओं को लेकर अवेयर रहना चाहिए। इसके अलावा आपको मैमोग्राफी (मैमोग्राम स्क्रीनिंग) भी हर एक या दो साल में ज़रूर करवानी चाहिए ताकि ब्रेस्ट कैंसर का समय रहते पता चल सके।एचपीवी टेस्ट और बोन डेंसिटी टेस्ट भी ज़रूर करवाना चाहिए। आजकल इसका खतरा बहुत ज़्यादा बढ़ रहा है, और मेनोपॉज़ की उम्र में यह खतरा और बढ़ जाता है, इसलिए यह जांचें कराना बहुत ज़रूरी है।
मेंटल हेल्थ
अब बात मेंटल हेल्थ की आती है। इस उम्र में महिलाओं में हार्मोनल बैलेंस नहीं होता है, जिसके कारण स्ट्रेस बढ़ने लगता है। मेंटल हेल्थ का ध्यान रखना बहुत ज़्यादा ज़रूरी है। ऐसे में आप थेरेपी सेशन्स ले सकती हैं या फिर किसी मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल की मदद ले सकती हैं। अगर आपकी नींद पूरी नहीं हो रही है या आप सप्लीमेंट्स नहीं ले रही हैं, तो भी आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए क्योंकि इससे आपका मूड और एनर्जी लेवल दोनों ही प्रभावित होते हैं।
सेल्फ केयर
सेल्फ-केयर ज़रूर करना चाहिए। इससे आपकी बॉडी रिलैक्स होती है और आपकी मेंटल हेल्थ भी अच्छी रहती है। इस उम्र में इसका ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है। आप मेडिटेशन और जर्नलिंग भी कर सकती हैं।