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Photograph: (apa)
Does abortion affect health in the long term: अबॉर्शन एक पर्सनल फैसला होता है, जो बॉडी और दिमाग दोनों पर असर डाल सकता है। ज्यादातर औरतें जल्दी रिकवर कर जाती हैं, लेकिन कुछ केस में इसके लॉन्ग-टर्म इफेक्ट भी हो सकते हैं। अबॉर्शन के बाद फर्टिलिटी, हार्मोनल चेंजेस, मेंटल हेल्थ और ओवरऑल हेल्थ पर क्या असर पड़ता है, ये एक कॉमन चिंता होती है।
क्या अबॉर्शन का लंबे समय तक सेहत पर असर पड़ता है?
अबॉर्शन किसी भी महिला के लिए एक भावनात्मक और शारीरिक अनुभव हो सकता है। जब कोई महिला अबॉर्शन कराती है, तो सबसे पहले उसका परिवार और खुद वह महिला कई तरह की भावनाओं से गुजरती है। कई बार यह फैसला किसी मजबूरी में लिया जाता है, तो कई बार यह प्लानिंग का हिस्सा होता है। लेकिन सवाल यही रहता है कि क्या इसका सेहत पर कोई लंबे समय तक असर पड़ता है?
अबॉर्शन के तुरंत बाद शरीर में कमजोरी आ सकती है, क्योंकि अचानक से हार्मोनल बदलाव होते हैं। कुछ महिलाओं को अनियमित पीरियड्स, पेट दर्द, थकान, या हल्का बुखार महसूस हो सकता है। लेकिन यह सब आमतौर पर कुछ हफ्तों में ठीक हो जाता है। हां, अगर बार-बार अबॉर्शन किया जाए, तो गर्भाशय कमजोर हो सकता है और भविष्य में गर्भधारण में दिक्कतें आ सकती हैं।
हर महिला पर अबॉर्शन का असर अलग-अलग होता है। कुछ महिलाएं राहत महसूस करती हैं, तो कुछ के मन में ग्लानि, चिंता या दुख बना रह सकता है। समाज और परिवार का दबाव भी मानसिक तनाव बढ़ा सकता है। इसलिए अबॉर्शन के बाद मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है। अबॉर्शन के बाद सही पोषण, आराम और नियमित हेल्थ चेकअप बहुत जरूरी होता है। अगर भविष्य में गर्भधारण की योजना है, तो डॉक्टर से सलाह लेना बेहतर होगा।
हर महिला की सेहत और परिस्थितियाँ अलग होती हैं, इसलिए कोई भी फैसला सोच-समझकर और सही जानकारी के आधार पर ही लेना चाहिए।
Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।