Tips For Teenage Girls: 5 आदतें सेहत पर डाल सकती हैं नकारात्मक प्रभाव

Teenage Girls: किशोरावस्था एक ऐसा समय है जब मन और शारीर दोनों में ही सकारात्मक और नकारात्मक बदलाव आते है, इस समय किए गए अच्छे और बुरे आदत के अनुसार। ये कुछ आदतें है जिनसे बचना जरूरी है। 

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Tamnna Vats
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Upset teen from mother (freepik)

Teenage Girls: किशोरावस्था एक ऐसा समय है जब मन और शारीर दोनों में ही सकारात्मक और नकारात्मक बदलाव आते है, इस समय किए गए अच्छे और बुरे आदत के अनुसार। इस अवस्था में लड़कियों को सब से ज्यादा ध्यान रखना चाहिए। साथ ही अपने जीवन में सही आदतों और सही जीवनशैली को अपनाकर आने वाले समय में, किसी भी तरह के नकारात्मक और बुरे प्रभाव से स्वयं को बचा सकते है। ये कुछ आदतें है जिनसे बचना जरूरी है। 

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5 आदतें सेहत पर डाल सकती हैं नकारात्मक प्रभाव

5 habits can have a negative impact on health

गलत खान-पान 

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टीन एज में खान पान का सब से अधिक ध्यान रखना जरूरी होता है, यदि टीन एज में तले भूने, प्रोसेस्ड फूड, कोल्ड ड्रिंक्स या ऐसे फूड जो पचने में वक्त लेते है, ऐसे खान पान न सिर्फ त्वचा, बाल, आंखें बल्कि मन पर भी नकारात्मक असर डालते हैं। जो कि आने वाले समय के लिए, बिल्कुल भी सही नहीं है। वहीं आयरन, कैल्शियम और प्रोटीन की कमी से एनीमिया और हड्डियों की कमजोरी जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। इसलिए, संतुलित आहार जिसमें हरी सब्जियाँ, फल, दूध और नट्स शामिल हों, का सेवन करना जरूरी है।

नींद की कमी

आजकल तीन एज की लड़कियां देर रात तक मोबाइल, लैपटॉप या टीवी देखने में लगी रहती हैं, जिससे उनकी नींद पर बुरा असर पड़ता है। सही  नींद न लेने से याददाश्त कमजोर हो सकती है और तनाव बढ़ सकता है साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो सकती है। एक किशोरी को कम से कम 7-9 घंटे की नींद लेनी चाहिए। अच्छी नींद के लिए सोने से पहले स्क्रीन टाइम कम करना और समय पर सोने की आदत डालना जरूरी है।

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व्यायाम की कमी

आजकल की ऑनलाइन पढ़ाई और ऑनलाइन अधिक गतिविधि के कारण किशोरियों में शारीरिक गतिविधियाँ कम हो गई हैं। व्यायाम या कोई शारीरिक गतिविधि न करने से मोटापा, डायबिटीज़ और हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा भी बढ़ रहा है। एक्टिव रहने के लिए योग, डांस, साइकिलिंग या कोई स्पोर्ट्स एक्टिविटी करना बहुत जरूरी है। इससे न केवल शरीर स्वस्थ रहेगा, बल्कि मानसिक तनाव भी कम होगा।

तनाव और चिंता

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पढ़ाई, करियर और समाज के दबाव के कारण किशोरियों में तनाव और चिंता बढ़ती जा रही है। ज्यादा तनाव से मानसिक सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है, जिससे डिप्रेशन और एंग्जायटी जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। इसलिए, भावनाओं को व्यक्त करना, समय-समय पर ब्रेक लेना और परिवार व दोस्तों से बातचीत करना जरूरी है। ध्यान और मेडिटेशन भी तनाव को कम करने में मदद कर सकते हैं।

पानी की कमी

दिनभर में सही मात्रा में पानी नहीं पीने से शरीर में डिहाइड्रेशन की समस्या हो जाती है। पानी की कमी से त्वचा शुष्क हो सकती है, ऊर्जा की कमी हो जाती है। शरीर के अंगों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए रोजाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पीना जरूरी है।

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