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कैसे Depression हर व्यक्ति में अलग-अलग तरीकों से महसूस होता है

डिप्रेशन को एक सेहत समस्या समझने में ही बहुत समय लग जाता है। सबसे पहले लोग अपनी मेंटल हेल्थ की बात ही नहीं करते हैं। हम लोग कई बार मामूली स्ट्रेस को भी डिप्रेशन लेबल कर देते हैं।

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Rajveer Kaur
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Postpartum depression

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How Depression Affects People in Distinct Ways: डिप्रेशन को एक सेहत समस्या समझने में ही बहुत समय लग जाता है। सबसे पहले लोग अपनी मेंटल हेल्थ की बात ही नहीं करते हैं। हम लोग कई बार मामूली स्ट्रेस को भी डिप्रेशन लेबल कर देते हैं लेकिन यह एक मूड डिसऑर्डर है जिसमें आपका किसी भी चीज में मन नहीं लगता है और आप लगातार उदास रहते हैं। सबसे बड़ी गलती लोग यह भी कर देते हैं कि सभी लोगों में डिप्रेशन को एक जैसा समझ लेते हैं लेकिन ऐसा नहीं होता है। आज हम इस विषय के ऊपर ही बात करेंगे-

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कैसे Depression हर व्यक्ति में अलग-अलग तरीकों से महसूस होता है?

डिप्रेशन एक गंभीर बीमारी है। इसको हल्के में लेने की गलती कभी मत करें। इसके साथ ही हर व्यक्ति का डिप्रेशन को लेकर अनुभव भी अलग हो सकता है। Medical News Today के लेख के अनुसार, डिप्रेशन से पीड़ित कुछ लोगों को भूख में बदलाव और नींद की समस्या का अनुभव हो सकता है। डिप्रेशन के अन्य पहलू दर्दनाक शारीरिक लक्षण, जैसे सिरदर्द आदि ला सकते हैं। इसके साथ ही हर व्यक्ति में डिप्रेशन के लक्षण और कारण अलग-अलग हो सकते हैं। जेंडर का भी इसमें बहुत बड़ा रोल है कि कैसे डिप्रेशन किसी व्यक्ति को प्रभावित करता है और उसे कैसा महसूस होता है।

रिसर्च के अनुसार, डिप्रेशन में लिंग भेद - जो कि आमतौर पर माना जाता है कि गंभीर डिप्रेशन से पीड़ित महिलाओं की संख्या पुरुषों की तुलना में दोगुनी है - एक बड़ी स्वास्थ्य असमानता को दर्शाता है।

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डिप्रेशन से आप सिर्फ उदास या फिर दुखी ही नहीं रहते हैं। इससे आपकी ओवरऑल वेल्बीइंग के ऊपर असर पड़ता है। हमें डिप्रेशन को एक बीमारी की तरह ही लेना चाहिए। इससे व्यक्ति अपने दिनचर्या के कामों को भी नहीं कर पाता है। उसका कोई भी काम करने का मन नहीं करता है। उसके लिए एक छोटा सा टास्क भी कठिन हो सकता है। उसकी नींद पूरी नहीं होती है। अगर नींद आ भी जाती है तब भी बॉडी रिफ्रेश या फिर एनर्जेटिक महसूस नहीं करती है। किसी चीज में मन नहीं लगता है। आसपास कुछ भी अच्छा नहीं लगता है। हर समय दिमाग नेगेटिव चीजों के बारे में ही सोचता रहता है। डिप्रेशन का ऐपेटाइट के ऊपर भी बुरा असर पड़ता है। फूड क्रेविंग्स भी बहुत ज्यादा हो जाती हैं। शरीर में दर्द होता रहता है। आप कभी भी बॉडी में रिलैक्सेशन महसूस नहीं करते हैं।

डिप्रेशन एक चिंताजनक बीमारी है। आपका मन और बॉडी दोनों आपको सिग्नल देते हैं। इन्हें आपको कभी भी नजरअंदाज नहीं करना है। इसके लिए आपको हेल्थ केयर प्रोवाइडर या फिर थैरेपिस्ट के पास जरूर जाना चाहिए। ऐसे में कुछ लोग खुद को ही तंग करने में लग जाते हैं। उन्हें खुद में ही कमियां दिखाई देने लग जाती हैं लेकिन ऐसा नहीं है। आप बीमार हैं और बीमारी का इलाज डॉक्टर ही कर सकता है। ऐसे में कोई भी गिल्ट या शर्मिंदगी की बात नहीं है। डिप्रेशन का इलाज संभव है। आपको बस इसके बारे में खुलकर बात और खुद को स्वीकार करने की जरूरत है।

Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।

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