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Depression And Gender: क्या पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में डिप्रेशन ज्यादा आम है?

डिप्रेशन को लेकर सबसे बड़ी समस्या यह है कि लोग इसे सच नहीं मानते हैं। उन्हें लगता है कि सामने वाला व्यक्ति ड्रामा कर रहा है या फिर कामचोर है लेकिन ऐसा नहीं है। डिप्रेशन एक आम लेकिन गंभीर समस्या है।

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Rajveer Kaur
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Understanding Why Women Are at a Higher Risk Of Depression: डिप्रेशन को लेकर सबसे बड़ी समस्या यह है कि लोग इसे सच नहीं मानते हैं। उन्हें लगता है कि सामने वाला व्यक्ति ड्रामा कर रहा है या फिर कामचोर है लेकिन ऐसा नहीं है। डिप्रेशन एक आम लेकिन गंभीर समस्या है। इसके बारे में ज्यादा बातचीत नहीं की जाती है क्योंकि लोगों में इसको लेकर शर्म या फिर गिल्ट होता है जेंडर की बात की जाए तो रिसर्च के अनुसार, महिलाएं डिप्रेशन के लिए पुरुषों से दोगुना ज्यादा खतरे में हैं। आइये जानते हैं कि इसके कारण क्या हैं-

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क्या पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में डिप्रेशन ज्यादा आम है?

Hormonal Fluctuations

महिलाओं में डिप्रेशन का एक कारण हार्मोनल फ्लकचुएशन भी हो सकता है। इसकी वजह मेंस्ट्रूअल साइकिल भी हो सकता है। इस दौरान महिलाओं को मूड स्विंग्स होते हैं। इसके बाद प्रेगनेंसी एक ऐसा समय होता है जब महिलाओं को हार्मोनल फ्लकचुएशन से गुजरना पड़ता है। इससे उनका मूड भी प्रभावित होता है। प्रेगनेंसी से और भी बहुत सारे इश्यूज जुड़े होते हैं जैसे सोशल सपोर्ट का न मिलना, रिलेशनशिप से जुड़ी समस्याएं अनचाहा गर्भ, बांझपन या फिर मिसकैरेज आदि। प्रेगनेंसी के बाद भी महिलाओं को पोस्टपार्टम डिप्रेशन की समस्या आ सकती है। इसके बाद जब महिलाएं मेनोपॉज से भी गुजरती हैं, इस दौरान भी उन्हें हार्मोनल उतार-चढ़ाव से गुजरना पड़ता है। उनकी नींद भी पूरी नहीं होती है।

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Multiple Roles

महिलाएं पुरुषों से ज्यादा कामों में भूमिका निभाती हैं। अगर एक महिला वर्किंग है तो उसे घर की जिम्मेदारियां को भी संभालना पड़ता है। इसके साथ ही अगर आप एक माँ हैं तो बच्चों की जिम्मेदारी भी आपके ऊपर ही आती है। शादी के बाद पति के साथ-साथ घर के बाकी सदस्यों की भी देखभाल करनी पड़ती है। महिलाओं से बहुत सारी सामाजिक अपेक्षाएं होती हैं जिसका प्रेशर भी उनके ऊपर पड़ता है।

Designed To Givers

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महिलाओं से हमेशा ही दूसरों की देखभाल करने अपेक्षा की जाती है। उनके बीमार होने पर भी उनसे यह अपेक्षा की जाती है कि वह दूसरों की देखभाल करें। इसके साथ ही उन्हें अपनी जरूरत का ख्याल रखने का समय भी नहीं मिलता है। उन्हें इस बात को सोचने का समय ही नहीं मिलता है कि उनकी खुद की जरूरत है क्या है। इस कारण भी महिलाओं को डिप्रेशन होने के चांसेस ज्यादा होते हैं। महिलाएं खुद के साथ तब तक जबरदस्ती करती रहती हैं जब तक वह पूरी तरह ब्रेकडाउन नहीं हो जाती।

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