Sex Positions: विभिन्न सेक्स पोजीशन मांसपेशियों में खिंचाव पैदा कर सकती हैं, खासकर अगर आप उन्हें जोर से या असहज तरीके से करते हैं। मिशनरी पोजिशन या डॉगी स्टाइल जैसी पोजीशन में लंबे समय तक रहने से पीठ दर्द हो सकता है। वहीं ऊपर वाला साथी हो फेस डाउन होने वाली पोजीशन से भी कमर में खिंचाव आ सकता है।
यहाँ 5 तरीके हैं जिनसे विभिन्न सेक्स पोजीशन मांसपेशियों में खिंचाव को प्रभावित कर सकती हैं
1. मिशनरी पोजीशन
इस पोजीशन में आमतौर पर महिला नीचे और पुरुष ऊपर होता है। महिला की पीठ और कूल्हे इस पोजीशन में स्थिर रहते हैं, जिससे पीठ के निचले हिस्से में तनाव हो सकता है। वहीं, पुरुष के कंधों, बांहों और पेट की मांसपेशियों पर ज्यादा भार पड़ता है, क्योंकि उन्हें अपने शरीर को स्थिर रखने और गति बनाए रखने के लिए इन मांसपेशियों का उपयोग करना पड़ता है। अगर इस पोजीशन को लंबे समय तक अपनाया जाए तो मांसपेशियों में खिंचाव और थकान हो सकती है।
2. डॉगी स्टाइल
इस पोजीशन में पुरुष पीछे से प्रवेश करता है और महिला घुटनों और हाथों के बल होती है। महिला की कलाई, कंधे और घुटनों पर जोर पड़ता है, जिससे इनमें खिंचाव हो सकता है। वहीं, पुरुष की जांघों, कूल्हों और पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों पर अधिक तनाव पड़ता है। पुरुष को स्थिरता बनाए रखने के लिए अपनी कोर मांसपेशियों का भी उपयोग करना पड़ता है, जिससे पेट की मांसपेशियों में भी तनाव हो सकता है।
3. काउगर्ल पोजीशन
इस पोजीशन में महिला पुरुष के ऊपर बैठती है और नियंत्रण अपने हाथ में लेती है। महिला की जांघों, कूल्हों और नितंबों की मांसपेशियों पर अधिक भार पड़ता है, क्योंकि उन्हें ऊपर-नीचे की गति को नियंत्रित करना होता है। इस पोजीशन में लंबे समय तक रहने पर महिला की मांसपेशियों में खिंचाव और थकान हो सकती है। वहीं, पुरुष की जांघों और पेट की मांसपेशियों को स्थिर रहने के लिए उपयोग करना पड़ता है, जिससे उनमें हल्का तनाव हो सकता है।
4. स्पूनिंग पोजीशन
इस पोजीशन में दोनों साथी एक ही दिशा में लेटते हैं, और पुरुष पीछे से प्रवेश करता है। महिला के कूल्हों और पीठ के निचले हिस्से पर हल्का तनाव पड़ता है। पुरुष की कूल्हों, जांघों और पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों पर भी हल्का भार पड़ता है। इस पोजीशन को आरामदायक माना जाता है, लेकिन लंबे समय तक इसे बनाए रखने पर मांसपेशियों में हल्का खिंचाव हो सकता है।
5. स्टैंडिंग पोजीशन
इस पोजीशन में दोनों साथी खड़े होते हैं, और पुरुष पीछे से प्रवेश करता है। इस पोजीशन में दोनों की कूल्हों और पैरों की मांसपेशियों पर ज्यादा जोर पड़ता है। महिला को अपनी स्थिरता बनाए रखने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे उसकी टांगों और कूल्हों में तनाव हो सकता है। वहीं, पुरुष को अपनी पूरी बॉडी वेट को नियंत्रित करने के लिए कोर और जांघों की मांसपेशियों का उपयोग करना पड़ता है, जिससे इनमें खिंचाव और थकान हो सकती है।
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