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Periods: माताएं अपनी बेटियों से पीरियड्स के बारे में कैसे बात करें

पीरियड के बारे में अपनी बेटी से हर माँ को बात करनी चाहिए, बताना चाहिए कि यह नार्मल है और स्वस्थ होने की निशानी है। अपनी बेटी को बताएं कि पीरियड की शुरुआत उनके लिए कितनी महत्वपूर्ण है और इससे डरने की बिल्कुल भी जरूरत नही है। आगे पढ़ें इस हैल्थ ब्लॉग में -

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Periods

How do mothers tell their daughters about periods (Image Credit - Always )

Periods: पीरियड हर एक लड़की के लिए बहुत जरूरी है। महिलाएं और लड़कियां अपने पीरियड्स को लेकर अक्सर चुप-चाप रहती हैं और कम बात करती हैं। लेकिन इसके बारे में बात करना बहुत जरूरी है। खासकर उन माताओं को अपनी बेटियों से पीरियड के बारे में बात करना ज्यादा जरूरी है जिनकी बेटियाँ 12-13 साल की हैं और उन्हें पीरियड्स आने वाले हैं। अक्सर लड़कियों को इसकी जानकारी नहीं होती है जिसकी वजह से उन्हें तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ता है इसलिए बेहतर है कि माएं खुद आगे आकर इसकी जानकारी अपनी बेटियों को दें। इस समय होने वाले बदलावों के बारे में भी जानकारी देनी चाहिए उन्हें बताना चाहिए कि यह डरने या छुपाने की बात नहीं है। माँ जब खुद इसकी जानकारी देंगी तो पीरियड से जुड़ी बातों को बेटियां बेहतर समझ पाएंगी और उनके अन्दर इसका डर खत्म हो जायेगा। 

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माएं बेटियों से पीरियड्स के बारे में ऐसे करें बात 

1. पीरियड से पहले इसके बारे में बताएं

मॉम्स को अपनी बेटियों को पीरियड के बारे में पहले से बताना चाहिए। क्योंकि पीरियड आने से पहले लड़कियों को इसकी जानकारी होनी चाहिए। पीरियड क्या है, क्यों आते हैं और आने पर क्या करना चाहिए, इसकी जानकारी दें। 

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2. बताएं की पीरियड्स के बारे में बात करना नार्मल है

माएं अपनी बेटियों को यह बताएं कि पीरियड के बारे में बात करना एकदम नार्मल है। वे जब चाहें इसके बार में डिस्कस कर सकती हैं और जानकारी ले सकती हैं। साथ ही पीरियड के कारण होने वाले बदलावों को शेयर भी कर सकती हैं। 

3. आसान लैंग्वेज में समझाएं 

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जब भी अपनी बेटी से पीरियड के बारे में बात करें तो आसान भाषा में समझाएं। बायोलॉजी का सहारा ले। पीरियड के बारे में बात करते समय हमेशा अपनी बेटी की ऐज और समझ का ध्यान रखें। बहुत ज्यादा जानकारी तभी दें जब आपको पता हो कि आपकी बेटी उसे समझ सकती है। 

4. इमोसंस और बॉडी में होने वाले बदलावों के बारे में बताएं

पीरियड के बारे में बात करते समय इमोशनल बदलाओं के बारे में बात करें कि किस प्रकार मूड स्विंग्स होते हैं और क्या-क्या बदलाव महसूस होते हैं। साथ ही शरीर में होने वाले बदलावों पर भी बात करें। कुछ सामान्य से लक्षणों के बारे में भी बताएं जैसे - पेट में दर्द, ऐंठन और सिर दर्द। 

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5. हाईजीन और पीरियड्स से जुड़े प्रोडक्ट्स के बारे में बताएं 

हर माँ को अपनी बेटी को पीरियड के दौरान साफ़ सफाई कैसे रखें इसकी जानकारी देनी चाहिए। साथ ही पीरियड से सम्बंधित मार्केट में उपलब्ध प्रोडक्ट्स के बारे में भी जानकारी देनी चाहिए। पीरियड से जुड़े प्रोडक्ट्स जैसे- पैड, टैम्पोन और मेन्स्त्रुअल कप को इस्तेमाल करना भी सिखाएं।  

Periods हाईजीन मेन्स्त्रुअल कप
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