Control Cholesterol: जाड़ों में हमारी दिनचर्या कुछ इस तरह की हो जाती है कि हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने लग जाती है। कम शारीरिक मेहनत करना, धूप कब मिलना, ज़्यादा तला-भुना खाना ऐसी कुछ चीज़ें हैं जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा देती हैं।
क्या है कोलेस्ट्रॉल
कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर में मोम की तरह का पदार्थ है। ये विटामिन डी, हारमोंस और पाचन में मददगार चीज़ों को बनाने का काम करता है। ज़्यादा मात्रा में कोलेस्ट्रॉल आर्ट्रीस ब्लॉक कर देता है और ह्रदयघात पैदा कर सकता है। आज हम आपके सामने लाए हैं कुछ असरदार उपाय जिनसे शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को नियंत्रित किया जा सकता है :-
- ज़्यादा से ज़्यादा व्यायाम
हम सभी जानते हैं कि जाड़ों में धूप की मात्रा कम हो जाती है या धूप मिलती ही नहीं। ऐसे में हमें चाहिए कि हम ज़्यादा से ज़्यादा व्यायाम करें। व्यायाम करने से शरीर का अनावश्यक वसा कम होता है और हम गंभीर बीमारियों से बच जाते हैं। - गरम पानी का सेवन
गरम पानी के सेवन से कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को नियंत्रित किया जा सकता है। जाड़ों में गरम पानी का सेवन हमारे शरीर में मेटाबॉलिज़्म बढ़ाता है। - मीठे पदार्थों का कम सेवन करना
जाड़ों में शुगर रिच फूड कम करने से कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम की जा सकती है। फलों के रस का सेवन अच्छा है। चीनी की मात्रा कम करने से कोलेस्ट्रॉल से उपजे ख़तरे कम किए जा सकते हैं। - तला-भुना सेवन कम करना
ज़्यादा मात्रा में तली-भुनी चीज़ें खाना जाड़ों में ख़तरनाक है। बेहतर होगा हम जीरो ऑयल फूड बनाएं। सुबह-सुबह ब्रेकफ़ास्ट में गाजर का सेवन लेना सही है। गर्म पानी में नींबू इस समय अच्छा है। - बादाम, मूंगफली का सेवन
जाड़ों में अच्छी मात्रा में बादाम, मूंगफली, अखरोट जैसे ड्राई फ्रूट्स खाने से कोलेस्ट्रोल का ख़तरा कम हो जाता है। यह अनावश्यक रूप से खाना खाने को भी नियंत्रित करता है। - सोया मिल्क का सेवन
सोया मिल्क के सेवन से कोलेस्ट्रॉल के ख़तरे को कम किया जा सकता है। इसे 25 ग्राम की मात्रा में ले सकते हैं। - हरी सब्ज़ियों का सेवन
बेहतर होगा जाड़ों में आने वाली हरी सब्ज़ियों का सेवन ज़्यादा से ज़्यादा किया जाए। गाजर के हलवे की जगह पर कच्ची गाजर खाने से शरीर में ज़्यादा अच्छा असर पड़ता है। गाजर को सुबह-शाम लिया जा सकता है।
इस तरह जाड़ों में अपने लाइफ़स्टाइल को बदल कर हम कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित कर सकते हैं। कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने से हार्ट अटैक का ख़तरा कम हो जाता है। मोटापा नहीं होता।