Breast Cancer Fear: ब्रेस्ट कैंसर का डर कैसे दूर करें? पॉसिबल डायग्नोसिस को लेकर मन को शांत कैसे करें?

ब्रेस्ट कैंसर का डर आपको परेशान कर रहा है? जानें पॉसिबल डायग्नोसिस को लेकर हैल्थ चिंता कम करने के आसान तरीके और खुद को मानसिक रूप से मजबूत बनाने के उपाय।

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Sakshi Rai
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Photograph: (Calm)

How to Overcome Breast Cancer Fear and Stay Calm About Possible Diagnosis: ब्रेस्ट कैंसर को लेकर डर और चिंता बहुत आम है, खासकर जब पॉसिबल डायग्नोसिस का सामना करना पड़े। यह डर सिर्फ बीमारी को लेकर नहीं, बल्कि उसके प्रभाव,  इलाज की कठिनाइयों और भविष्य को लेकर भी हो सकता है। कई बार, यह चिंता इतनी बढ़ जाती है कि व्यक्ति सामान्य जीवन जीने में कठिनाई महसूस करने लगता है।

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लेकिन क्या इस डर को कम किया जा सकता है? हां, सही जानकारी, जागरूकता और मानसिक रूप से तैयार रहने से आप अपनी चिंता को काफी हद तक नियंत्रित कर सकते हैं।

ब्रेस्ट कैंसर का डर कैसे दूर करें? पॉसिबल डायग्नोसिस को लेकर मन को शांत कैसे करें?

ब्रेस्ट कैंसर का नाम सुनते ही कई महिलाओं के मन में डर पैदा हो जाता है। यह डर सिर्फ बीमारी को लेकर नहीं, बल्कि उसके इलाज, संभावित जटिलताओं, सर्जरी और दवाइयों के साइड इफेक्ट्स को लेकर भी होता है। अगर परिवार में किसी को पहले ब्रेस्ट कैंसर हो चुका है, तो यह चिंता और भी बढ़ जाती है। ब्रेस्ट कैंसर को लेकर डर और चिंता स्वाभाविक है, लेकिन सही जानकारी और तैयारी से इसे कम किया जा सकता है। जरूरी टेस्ट करवाने और जागरूक रहने से आप न केवल अपने स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकती हैं, बल्कि मानसिक रूप से भी शांत महसूस कर सकती हैं।

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डर और चिंता की शुरुआत

जब कोई महिला ब्रेस्ट कैंसर की संभावना के बारे में सोचती है, तो सबसे पहले उसके मन में कई तरह के सवाल आते हैं - अगर कैंसर हो गया तो क्या होगा? इलाज कठिन होगा या नहीं? परिवार पर इसका क्या असर पड़ेगा? यही चिंता कई महिलाओं को जरूरी मेडिकल टेस्ट करवाने से रोक देती है। वे मैमोग्राम या ब्रेस्ट चेकअप करवाने से बचती हैं, क्योंकि उन्हें बुरी खबर सुनने का डर होता है। लेकिन यही टेस्ट उनकी ज़िंदगी बचाने में मदद कर सकते हैं।

पॉसिबल डायग्नोसिस के बाद की मनःस्थिति

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अगर किसी महिला को ब्रेस्ट कैंसर का पॉसिबल डायग्नोसिस मिलता है, तो आमतौर पर उसकी पहली प्रतिक्रिया डिनायल होती है। वह इसे स्वीकार ही नहीं करना चाहती। फिर धीरे-धीरे गुस्सा, निराशा और डर महसूस होता है। कुछ महिलाएं सोचती हैं कि यह उनके साथ ही क्यों हुआ? आखिर उन्होंने ऐसा क्या किया था जो उन्हें यह बीमारी हुई?

धीरे-धीरे, जब इलाज शुरू होता है, तो उन्हें एहसास होता है कि इस बीमारी से लड़ा जा सकता है। जब वे डॉक्टर की सलाह के अनुसार सही उपचार लेना शुरू करती हैं, तो उन्हें मानसिक शांति भी मिलने लगती है।

ब्रेस्ट कैंसर के सर्वाइवर की चिंता

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जो महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर से ठीक हो चुकी हैं, उनके मन में हमेशा यह डर बना रहता है कि कहीं यह दोबारा न हो जाए। हर बार जब वे टेस्ट करवाने जाती हैं या रिपोर्ट का इंतजार करती हैं, तो उनके मन में बेचैनी बनी रहती है। लेकिन आज की मेडिकल साइंस में इतनी प्रगति हो चुकी है कि अगर कैंसर जल्दी पकड़ में आ जाए, तो इसका इलाज सफल हो सकता है।

डर को कम करने के उपाय

  1. जानकारी हासिल करें: ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े फैक्ट्स जानें। यह समझें कि सही समय पर जांच और इलाज कराने से इस बीमारी को हराया जा सकता है।

  2. रेगुलर हेल्थ चेकअप करवाएं: 40 साल की उम्र के बाद हर महिला को नियमित रूप से मैमोग्राम और ब्रेस्ट चेकअप करवाना चाहिए।

  3. इमोशनल सपोर्ट लें: परिवार, दोस्तों और सपोर्ट ग्रुप्स की मदद लें। अकेले इस डर को झेलने की जरूरत नहीं है।

  4. खुद को सकारात्मक रखें: तनाव कम करने के लिए मेडिटेशन, गहरी सांस लेने की तकनीकें और योग का सहारा लें।

  5. सवाल पूछें: डॉक्टर से खुलकर बात करें और अपनी शंकाओं का समाधान करें।

  6. समझें कि जीवन कैंसर के बाद भी है: यह बीमारी आपकी पहचान नहीं बननी चाहिए। आप पहले भी एक मजबूत महिला थीं और आगे भी रहेंगी।

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Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।

 

 

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