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Photograph: (faceyoga)
Know the reasons behind walking and speaking in sleep: कभी-कभी आप या आपके आसपास कोई व्यक्ति नींद में अचानक उठकर चलने लगता है या बिना किसी होश के बातें करने लगता है। ये घटनाएं थोड़ी डरावनी ज़रूर लग सकती हैं, लेकिन ये एक आम नींद से जुड़ी समस्या है जिसे स्लीपवॉकिंग और स्लीप टॉकिंग कहा जाता है। आमतौर पर ये समस्या बच्चों में ज़्यादा देखी जाती है, लेकिन कई बार एडल्ट्स में भी बनी रह सकती है।
नींद में चलना या बोलना तब होता है जब दिमाग का कुछ हिस्सा जगा होता है जबकि शरीर नींद में होता है। ऐसे लोगों को खुद को होश नहीं होता कि वो क्या कर रहा है, और सुबह उठने के बाद उसे इस घटना की याद भी नहीं रहती। इसे मानसिक या शारीरिक बीमारी समझने की बजाय, ये जानना ज़रूरी है कि इसके पीछे कारण क्या हो सकते हैं। आइए जाने इसके पीछे के कारण।
जाने क्या हैं कारण नींद में चलने और बोलने के
1. स्ट्रेस और एंग्ज़ायटी
मेंटली थका हुआ या स्ट्रेस से भरा दिमाग रात में भी पूरी तरह शांत नहीं हो पाता। इसका असर नींद की क्वालिटी पर पड़ता है, जिससे नींद के बीच में दिमाग अचानक जाग्रत हो जाता है और इंसान अनजाने में बोलने या चलने लगता है।
2. स्लीप डिसऑर्डर
जब नींद का पैटर्न बिगड़ता है जैसे नींद बार-बार टूटती है, पूरी नहीं हो पाती, या नींद आने में मुश्किल होती है तो दिमाग की नॉर्मल आराम करने का प्रोसेस अफेक्ट होता है। इससे इंसान आधी-अधूरी नींद में चलने या बोलने जैसी हरकतें कर सकता है।
3. किसी शारीरिक बीमारी के कारण
जब शरीर किसी बीमारी, बुखार या थकावट से जूझ रहा होता है, तब दिमाग और शरीर का तालमेल गड़बड़ा सकता है। ऐसी सिचुएशन में इंसान भ्रमित नींद में चला जाता है और एब्नार्मल एक्टिविटीज कर सकता है।
4. गहरी नींद टूटना
नींद का गहरा फेस जब किसी कारण अधूरा रह जाता है, तब इंसान आधा जगा आधी सोई अवस्था में पहुंच सकता है। इसी दौरान वो कुछ बोलने या चलने जैसा व्यवहार कर सकता है। ये खासकर रात के पहले 2-3 घंटों में ज़्यादा होता है।
5. कैफ़ीन या भारी खाना
रात में ज़्यादा मात्रा में कॉफी, चाय या भारी-खाना खाने से नींद में बेचैनी आती है। पेट का भरा होना और कैफीन का एनर्जेटिक असर शरीर को आराम करने से रोकता है, जिससे व्यक्ति आधे जगे हुए फेस में भटकता है।
Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।