मेंस्ट्रुअल साइकिल या पीरियड्स महिला के मासिक यूटेरस लाइनिंग की शेडिंग है। एक मेंस्ट्रुअल साइकिल 21-35 दिनों का हो सकता है। पीरियड्स के ब्लीडिंग के दिन और मेंस्ट्रुअल साइकिल की लम्बाई महिला से महिला अंतर करता है।
पीरियड्स से सम्बन्धित महिलाओं को समस्या भी हो सकती है। उनमें से कुछ समस्याओं का इलाज भी हो सकता है। ऐसे कुछ समस्याओं के बारे में जानने के लिए आगे पढ़ें।
मेंस्ट्रुअल डिसऑर्डर:
1. PCOS/PCOD
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम या डिसीस (PCOS/PCOD) एक ऐसी समस्या है जिससे ओवरी में सिस्ट हो जाते हैं। इसके कारण पीरियड्स इर्रेगुलर हो जाते हैं। अगर इसका इलाज न हो तो प्रेगनेंसी में समस्या आ सकती हैं।
PCOD से पीड़ित महिलाओं को अक्सर बहुत ही दर्दनाक पीरियड्स होते हैं। साथ ही, उन्हें हार्मोनल समस्या, जैसे एक्ने, पिम्पल्स, हेयर फॉल, स्किन पिगमेंटेशन, इतियादी। यह एक लाइफस्टाइल डिसऑर्डर है पर एक जेनेटिक कॉम्पोनेन्ट के कारण भी हो सकता है।
ट्रीटमेंट से ये समस्याए कण्ट्रोल हो सकती हैं, इसलिए गाइनेकोलॉजिस्ट की मदद ज़रूर लें।
2. डिसमेंहोरिआ
डिसमेंहोरिआ का अर्थ है दर्दनाक पीरियड्स। इसके दो टाइप होते हैं: प्राइमरी और सेकेंडरी।
प्राइमरी डिसमेंहोरिआ यूटेरस के कॉन्ट्रैक्शंस के कारण होता है। सेकेंडरी डिमेनहोरिआ किसी और कारण, जैसे एंडोमेट्रिओसिस या PCOS के कारण होता है।
डिसमेंहोरिआ का हार्मोनल ट्रीटमेंट से इलाज हो सकता है।
3. एंडोमेट्रिओसिस
एंडोमेट्रिओसिस यूट्रस के सबसे अंदर के लेयर, यानी एंडोमेट्रियम बहुत ज़्यादा मोटा हो जाता है। ऐसा होने पर उसके शेडिंग के समय बहुत दर्द होता है। एंडोमेट्रिओसिस के साथ हैवी ब्लीडिंग होती है। कुछ महिलाओं को इतना दर्द होता है की उन्हें बिस्तर से उठने में असुविधा होती है।
एंडोमेट्रियोसिस का इलाज मुमकिन है, अगर आप गाइनेकोलॉजिस्ट के पास जाए तो।
4. अमनोहरीआ
अमनोहरिआ एक ऐसी स्थिति है जहाँ मेनोपॉज़ से पहले महिला के पीरियड्स होना पूरी तरह बंद हो जाते हैं। इसके पीछे का कारण कुछ भी हो सकता है। यह हार्मोनल समस्या के कारण हो सकता है, ख़राब लाइफस्टाइल के वजह से हो सकता है, नई दवाई के लिए हो सकता है, ईटिंग डिसऑर्डर के वजश से, बहुत कम वज़न(BMI) के वजह से या ओबीस होने से हो सकता है। यह मेंटल हेल्थ के बुरे स्थिति के वजह से भी हो सकता है।
5. प्री मेंस्ट्रुअल सिंड्रोम
प्री मेंस्ट्रुअल सिंड्रोम या PMS का अर्थ है पीरियड्स के ब्लीडिंग से पहले पेट और कमर में बहुत दर्द, अत्यधिक पिम्पल्स का आना, सिर में दर्द, निप्पल और ब्रेस्ट में सोरोनेस, उल्टी होना या महसूस करना, ब्लोटिंग, मूड स्विंग्स, हाई ब्लड प्रेशर, आदि। आम तौर पर इसे पीरियड्स के 24 घंटे पहले से होना चाहिए, पर अगर यह पीरियड्स के 3+ दिन से पहले हो, यह एक समस्या है, और गलत है। यह किसी और अंदरूनी समस्या के ओर संकेत क्र सकता है, इसलिए ऐसे चीज़ों को इग्नोर न करें।
मेंस्ट्रुअल समस्याओं से महिला को बहुत असुविधा हो सकती है, पर आपको यह असुविधा सहने की ज़रूरत नहीं है। आपको डॉक्टर की सलह ज़रूर लेनी चाहिए।
मुझे 17 वर्ष की उम्र में स्पास्मोडिक डिसमेंहोरिआ का डाइग्नोसिस मिला, और मुझे पीरियड्स के वक्त बहुत दर्द और ब्लीडिंग होती थी, और बिस्तर से उठना मुश्किल होता था, लेकिन अब में इलाज के बाद, पीरियड्स के समय दौड़ भी सकती हूँ। आप भी इलाज से एक पैन फ्री ज़िन्दगी जी सकते हैं।