/hindi/media/media_files/eEi1T92Olbaik3TSHhHb.png)
File Image
On World Tuberculosis (TB) Day, know the ways to prevent tuberculosis: हर साल 24 मार्च को विश्व क्षय रोग (TB) दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य इस घातक बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और इसे समाप्त करने के प्रयासों को प्रोत्साहित करना है। टीबी एक संक्रामक बीमारी है, जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया के कारण होती है और मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करती है। यह बीमारी हवा के जरिए फैलती है, जिससे संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने पर बैक्टीरिया हवा में फैलते हैं। हालांकि टीबी का इलाज संभव है, लेकिन इससे बचाव के लिए उचित सावधानियां बरतना आवश्यक है।
World Tuberculosis Day पर जानिए क्षय रोग से बचाव के उपाय
स्वस्थ लाइफस्टाइल अपनाना
टीबी से बचाव के लिए सबसे जरूरी है एक स्वस्थ लाइफस्टाइल को अपनाना। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं, जिससे टीबी के बैक्टीरिया शरीर को प्रभावित नहीं कर पाते। हरी सब्जियां, फल, प्रोटीनयुक्त खाना और पर्याप्त मात्रा में पानी पीना शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होता है। नशे से बचना भी टीबी से बचाव का एक महत्वपूर्ण उपाय है, क्योंकि धूम्रपान और शराब फेफड़ों को कमजोर कर देते हैं और संक्रमण की संभावना बढ़ा देते हैं।
संक्रमण से बचाव के उपाय
टीबी हवा के माध्यम से फैलता है, इसलिए संक्रमण से बचने के लिए कुछ जरूरी उपाय अपनाने चाहिए। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें और यदि ऐसा संभव न हो, तो मास्क पहनें। बार-बार हाथ धोने की आदत डालें और भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। टीबी रोगियों को खांसते और छींकते समय मुंह को ढकने की सलाह दी जाती है, ताकि बैक्टीरिया अन्य लोगों तक न फैलें। घर और कार्यस्थल को हवादार बनाए रखना भी टीबी के बैक्टीरिया के प्रसार को रोकने में मदद करता है।
बीसीजी टीकाकरण का महत्व
टीबी से बचाव के लिए बचपन में बीसीजी (BCG) टीका लगवाना बेहद आवश्यक होता है। यह टीका शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करता है और टीबी के गंभीर रूपों से बचाव करता है। बीसीजी टीकाकरण विशेष रूप से नवजात शिशुओं और छोटे बच्चों के लिए जरूरी है, क्योंकि वे संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। यदि किसी व्यक्ति को टीबी होने की आशंका है, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए और आवश्यक जांच करानी चाहिए।
समय पर जांच और उपचार
अगर किसी व्यक्ति को लगातार खांसी, रात में पसीना आना, वजन कम होना और थकान जैसी समस्याएं हो रही हैं, तो उसे तुरंत टीबी की जांच करवानी चाहिए। शुरुआती अवस्था में इस बीमारी का पता लगने से इलाज अधिक प्रभावी होता है। टीबी का पूरा इलाज कराना आवश्यक है, क्योंकि अधूरा इलाज बैक्टीरिया को और अधिक मजबूत बना सकता है, जिससे दवाएं कम प्रभावी हो जाती हैं। सरकार द्वारा मुफ्त जांच और उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है, जिससे लोग आसानी से इस बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं।