Reasons For Rise In Depression And Anxiety In Working Women : आज के तनाव वाले जीवन में, महिलाओं को काम और घर का काम दोनों करना एक सामान्य बात हो गई है। इसलिए, उन्हें अधिक तनाव और चिंता का सामना करना पड़ता है। बहुत सी महिलाएं धीरे-धीरे डिप्रेशन और एंग्जायटी में जानें लगती है। आजकल, काम करने वाली महिलाओं में डिप्रेशन और अधिकतर तनाव की समस्याओं की गम्भीरता बढ़ती जा रही है। इसमें कई कारण हैं।
कामकाजी महिलाओं में डिप्रेशन और एंग्जायटी क्यों बढ़ने लगता है
1. सोशल मीडिया
सोशल मीडिया भी वर्किंग वुमेन के लिए तनाव का कारण बन सकता है। सोशल मीडिया पर अक्सर इस बात की भीड़ लगी रहती है कि दूसरे लोग कैसे अपने काम और परिवार को बैलेंस रखते हैं। इससे वर्किंग वुमेन को एक और डिप्रेशन और एंग्जायटी का आभास हो सकता है। सोशल मीडिया में जानकारियों के साथ-साथ सामाजिक दबाव भी होते हैं।
2. समय की कमी
वर्किंग वुमेन को घर के काम, बच्चों की देखभाल और काम के बीच टाइम मैनेज करना पड़ता है। इससे उन्हें अपने जीवन के लिए अपना समय नहीं मिल पाता है जिससे उन्हें डिप्रेशन और एंग्जायटी हो सकती है।
3. वर्क-लाइफ बैलेंस
कई बार वर्किंग वुमेन को अपने परिवार और काम के बीच संतुलन बनाये रखने में कठिनाई होती है। इससे उन्हें तनाव और दबाव का सामना करना पड़ता है। इसे हर एक वर्किंग वुमेन परेशान रहती है जिससे धीरे-धीरे डिप्रेशन और एंग्जायटी होने लगता है।
4. बढ़ते जीवन का तनाव
काम करने वाली महिलाओं को अक्सर बढ़ता तनाव सामना करना पड़ता है। काम के दबाव, नौकरी के लिए संघर्ष, करियर की उतार-चढ़ाव, बढ़ते बच्चों की ज़िम्मेदारियों के साथ-साथ, उनके परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास। ऐसे में चिंता, उदासी, घबराहट, अनिद्रा और अधिक तनाव आम बात होती हैं। इस कारण डिप्रेशन और एंग्जायटी बढ़ने लगती है।
5. असुरक्षित कार्य स्थान
कुछ कार्य स्थानों में महिलाओं को नियमित रूप से छेड़खानी, छेड़छाड़, विवाद और अन्य सामाजिक असुरक्षा से निपटना पड़ता है। इस तरह की असुरक्षा महिलाओं के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर डालती है और उन्हें डिप्रेशन और चिंता का सामना करना पड़ता है।