Alzheimer’s Disease: अल्जाइमर, नाम तो आपने सुना होगा पर क्या कभी इस बीमारी पर ग़ौर किया है। अल्जाइमर एक बहुत ही गंभीर मानसिक बीमारी है जिसका सही रहते पता चलना बहुत ज़रूरी है। अल्जाइमर बीमारी वो मानसिक बीमारी है, जिसमें धीरे-धीरे स्मृति का हनन, सोचने-समझने की शक्ति का ख़त्म होना और दैनिक काम करने से जुड़ी परेशानियां हो जाती हैं। अल्जाइमर बीमारी का पता 1906 के दौरान चला था। इस बीमारी का नाम डॉ. एलोइस अल्जाइमर के नाम पर पड़ा।
कैसे पता चली अल्जाइमर बीमारी
नेशनल इंस्टिट्यूट की माने तो 1906 के दौरान डॉ. एलोइस अल्जाइमर ने एअल्जाइमर बीमारीक महिला के मस्तिष्क के टिश्यूज़ पर रिसर्स की। महिला की मृत्यु एक असमान्य मानसिक बीमारी से हुई थी, जिसे मेमोरी लास, भाषा संबंधी दिक्कते, असमान्य या अप्रत्याशित व्यवहार जैसी समस्याएं थीं। डॉ. एलोइस अल्जाइमर ने रिसर्च के दौरान पाया कि उसके ब्रेन टिश्यूज़ में कुछ बदलाव हैं। उसके टिश्यूज़ में क्लंप्स और फ़ाइबर के बंडल पाए गए। तब से अल्जाइमर बीमारी का यह एक प्रमुख लक्षण गिना जाने लगा।
अल्जाइमर की बीमारी के दौरान व्यक्ति सामान्य तरह से कार्य नहीं कर पाता। उसका कार्य कौशल गिर जाता है। मस्तिष्क से संबंधित गतिविधियां जैसे ड्राइव करना, खाना बनाना, रोज़ाना के काम वो आसानी से नहीं कर पाता।। उसका व्यवहार असामान्य हो जाता है जो आगे चलकर चिड़चिड़ेपन, ग़ुस्सा, तनाव जैसी शिक़ायते लाता है।
कहां होता है अल्जाइमर का अटैक
अल्जाइमर का अटैक मस्तिष्क के दो विशेष हिस्सों में होता है जिसमें एंटोरहिनल कॉर्टेक्स और हिप्पोकैम्पस शामिल हैं। बाद में ये बीमारी सेरेब्रल कॉर्टेक्स के बाक़ी हिस्सों को घेर लेती है। जब अल्जाइमर अपनी गंभीर स्थिति में आ जाता है तब मनुष्य में सही शब्दों का चयन न कर पाना, भाषा संबंधी दिक्कतें, कुछ रखकर भूल जाना, बीती बात भूल जाना, बार-बार एक ही बात पूछना, समान रखकर भूल जाना, छोटी-सी बात बड़ी लगना, कन्फ़ूजन, पिछला किया काम भूल जाना, सामाजिक व्यवहार में परिवर्तन, निर्णन न ले पाने की क्षमता संबंधित परेशानियां देखी गई हैं।
इस बीमारी के लक्षण मुख्यत: 30 से 60 उम्र के लोगों के बीच देखे गए हैं। बड़ी उम्र के लोगों में अल्जाइमर को पागलपन के लक्षण से जोड़ा गया है। अल्जाइमर का कोई सही तरह इलाज नहीं आया है। विशेषज्ञ लगातार इस पर शोध कर रहे हैं। इसका एकमात्र इलाज सही दिनचर्या और अल्जाइमर को ज़्यादा न बढ़ने देना है।
इस तरह अगर आपको कोई भी संबंधित लक्षण अपने ऊपर नज़र आ रहे हैं, तो आप तुरंत संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें। समय रहते इसका पता चल जाना आपके लिए बहुत ज़रूरी है।