सेक्स एक आम प्रक्रिया है जिस प्रकार पीरियड्स एक आम प्रक्रिया है। पीरियड के दौरान सेक्स को फिर भी एक अनहाइजीनिक और गलत चीज माना जाता है। पीरियड सेक्स के दौरान खून के प्रवाह की वजह से काफी अनहाइजीनिक माहौल बन जाता है परंतु उसका कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है। ऐसे ही कुछ धारणाएं हम इस आर्टिकल के जरिए आपको बताना चाहते हैं:
पीरियड सेक्स से जुड़ी धारणाएं
1. पीरियड सेक्स का असुरक्षित होना
मासिक धर्म के दौरान सेक्स नहीं करना चाहिए यह एक मिथ है। मासिक धर्म के दौरान कोई भी यौन गतिविधि नियमित सेक्स से बहुत अलग नहीं होती है। हालांकि, बहुत सारे लोग सोचते हैं कि पीरियड्स के दौरान सेक्स करने से अत्यधिक खून की कमी हो सकती है। इससे उनके मन में गलत धारणा बन जाती है।
2. सेक्स संबंधी रोग व इंफेक्शन
अक्सर यह देखा जाता है कि पीरियड सेक्स के समय पुरुष सेक्स करने से कतराते हैं। उसका एक प्रमुख मिथक है पुरुष संबंधी रोग यह एक धारणा है कि यदि पीरियड के दौरान सेक्स किया गया तो उससे पुरुष में कुछ रोग या महिलाओं के खून से कोई इंफेक्शन हो सकता है। परंतु यह पूर्ण मिथक है और यदि कंडोम के साथ सेक्स किया जाए तो यह नार्मल सेक्स की तरह की है। ऐसे ही सामान विचार महिलाओं में रहते हैं उन्हें भी इन प्रकार के रोग एवं इंफेक्शन का डर रहता है।
3. पीरियड सेक्स से प्रेग्नेंट ना होना
यह एक धारणा है कि पीरियड्स के दौरान अनप्रोटेक्टेड सेक्स करने से प्रेगनेंसी नहीं होती। परंतु ऐसा नहीं है पीरियड के दौरान किए गए सेक्स में भी प्रेगनेंसी के चांसेस रहते हैं हालांकि यह चांसेस कम रहते हैं, पर आनंद के बाद एक अनचाही भेंट कोई नहीं चाहेगा इसीलिए पीरियड्स के दौरान कंडोम का प्रयोग अवश्य करें।
4. पीरियड सेक्स का पेनफुल होना
महिलाओं के बीच यह अवधारणा बहुत अधिक है कि पीरियड के दौरान किए गए सेक्स से दर्द बढ जाता है। परंतु यह सबसे बड़ी अवधारणा है पीरियड सेक्स से महिलाओं के मसल्स खुल जाते हैं और पीरियड क्रैंप्स कम हो जाते है जिससे यह महिलाओं के लिए आनंदमई और लाभदायक है।
5. पिछड़ी सोच से जुड़ी अवधारणाएं
पीरियड सेक्स को हमारे समाज में एक टैबू की तरह देखा जाता है। समाज के पिछड़े वर्ग में आज भी यह माना जाता है कि पीरियड्स के दौरान महिलाओं को छूना एक गलत चीज है। यह एक पूर्ण रूप से अवधारणा है एवं हमें यह समझना चाहिए कि पीरियड्स महिलाओं के जीवन का एक अहम भाग है। पीरियड की वजह से ही महिलाएं मां बन पाती हैं एवं इन दिनों में हमें महिलाओं का ज्यादा ध्यान रखना चाहिए।