Emotional Support : एक पैरेंट होना आसान नहीं कई बार अपने बच्चों की कई चीजें हमें समझ नहीं आती पर वक्त के साथ आप ये बातें धीरे -धीरे सीख जाएंगे। कई बार बच्चे जैसे बड़े होते है वो अपने पेरेंट्स से कोई बात शेयर करने से कतराते है, इसलिए एक पैरेंट को पता भी नहीं चलता की उनके बच्चे के जीवन में क्या हो रहा है। जब बच्चों को आपकी सबसे ज्यादा इमोशनल नीड रहती है, तब चीजों से अंजान रहकर आप उनका साथ नहीं दे पाते और जब कल को कोई बड़ी घटना होती है या बच्चा मानसिक बीमारी का शिकार होता है तब आपको उसका गिल्ट होता है। इसलिए इस आर्टिकल में हम आपको कुछ तरीके बताएंगे जिससे आपको समझ आएगा की आपके बच्चों को आपका इमोशनल नीड है।
ऐसे पहचाने अपने बच्चे की इमोशनल नीड
1. बच्चे का बदलता व्यवहार
अगर आप अपने बच्चे के व्यवहार में कुछ दिनों से बदलाव नोटिस कर रहें है, जोकि नॉर्मल से काफी अलग है तो हो सकता है की कोई बात है जो उन्हें परेशान कर रहीं है, जिसे वो खुल कर आपको नहीं बता रहें है। अगर आपका बच्चा छोटी बातों पर चिड़ -चिड़ा महसूस कर रहा है या अचानक से किसी से मिलने- जुलने में बिल्कुल भी इच्छुक नहीं है तो हो सकता है कुछ सही नही हैं आप उनसे उस बारे में बात करें।
2. उनके खाने और सोने में बदलाव
अगर आप अपने बच्चे के दिन चर्या में कुछ ऐसे बदलाव देख रहें है जो उनके रोज मर्रा की जिंदगी को प्रभावित कर रहा हैं तो आपको इसे इग्नोर नहीं करना चाहिए। ऐसे वक्त में आपको अपने बच्चे से बात कर उसके मन में चल रहीं बातों को जानने की कोशिश करनी चाहिए और उन्हें एहसास दिलाए की आप उनके साथ हमेशा खड़े है।
3. अकेलापन
अगर आपका बच्चा पहले सबसे घुलता-मिलता था और अब बस अकेले रहना पसंद कर रहा है तो ये तनाव के लक्षण हो सकते है। इससे पहले की बातें ज्यादा गंभीर हो आप खुद उनसे बात करें। अगर कोई बात ज्यादा चिंता जनक है तो आप प्रोफेशनल हेल्प भी ले सकते हैं, इससे आपके बच्चे को चीजों से उभरने में मदद मिलेगी।
4. उनकी पसंदीदार चीजें अवॉयड करना
अगर आपका बच्चा अपनी कोई पसंदीदार चीज जिसे वो अक्सर करने की इच्छा रखता था जैसे कोई हॉबी, कोई गेम, कोई शो, कोई फ़ूड आइटम आदि पर अब उसे वो अवॉयड कर रहा हैं तो उनके ये व्यवहार लक्षण हो सकता है, की वो किसी चीज से गुजर रहें है और उनको आपकी इमोशनली सबसे ज्यादा जरुरत है।
5. खुद को हानी पहुँचाने के बारें में कोई बात
अगर आपका बच्चा सेल्फ हार्म या आत्महत्या की बातें कर रहा है, तो बिना कोई समय और व्यर्थ करें आप उसे डॉक्टर के पास लेजाए शायद कोई गंभीर बात हो सकती है। थेरपी उनको ऐसी नेगेटिव थॉट से निकलने में हेल्पफुल साबित होगी साथ ही आपके उपस्थिति का उन्हें एहसास दिलाता रहेगा जिससे उनका मनोबल बढ़ेगा।