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Infertility की समस्या को दूर करने के लिए IVF के अलावा और कौन सी तकनीकें है?

हैल्थ: IVF के अलावा भी ऐसी कई तकनीकें हैं जो उन कपल्स को उम्मीद की नई किरण देती है, जो पूरी तरह से उम्मीद छोड़ चुके थे। IUI ओर ICSI जैसी तकनीकें भी उन दंपत्तियों के लिए उम्मीद की किरण जगाती हैं, जो गर्भधारण करने में परेशानी का सामना कर रहे हैं।

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Ruma Singh
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Infertility (Wings IVF)

(Credit Image- File Image)

These Treatment Can Help For Infertility: मां बनना हर महिला के जीवन का एक खुशनुमा पल होता है। इस दिन का इंतजार हर महिला बेसब्री से करती है, लेकिन खानपान की गलत आदत, बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल और गलत प्रदूषित वातावरण के कारण महिलाओं के शरीर में कई तरह की समस्याएं होने लगी हैं। उन्हीं में से एक है- प्रेग्नेंसी से जुड़ी समस्या। जिसका शिकार आजकल अधिकतर कपल्स हो रहे हैं। जहां महिलाएं मां बनने में असमर्थ हो रही हैं, लेकिन कई वैज्ञानिक तकनीकों की वजह से अब इनफर्टिलिटी की समस्या दूर हो रही है और मां बनने का अकल्पनीय सुख ज़्यादातर महिलाएं ले पा रही हैं। बात करें आकड़े कि तो भारत में लगभग 10 से 15% दंपत्ति इनफर्टिलिटी से जूझते हैं।

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IVF के अलावा और कौन सी तकनीकें है?

IVF के अलावा भी ऐसी कई तकनीकें हैं जो उन कपल्स को उम्मीद की नई किरण देती है, जो पूरी तरह से उम्मीद छोड़ चुके थे। IUI ओर ICSI जैसी तकनीकें उन दंपत्तियों के लिए उम्मीद की किरण जगाती हैं, जो गर्भधारण करने में परेशानी का सामना कर रहे हैं।

1. IUI (Intrauterine Insemination)

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IUI एक सरल और प्रभावी उपचार प्रक्रिया है, जो प्रजनन क्षमता और गर्भधारण की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए की जाती हैं। यह प्रजनन उपचार दवाओं के साथ या उसके बिना भी किया जा सकता है। इसके उपचार के प्रक्रिया में सबसे पहले पुरुष पार्टनर के स्पर्म को पहले धुला जाता है, फिर कंसंट्रेटेड वीर्य को एक पतली कैथेटर के माध्यम से महिला के गर्भाशय तक पहुंचाया जाता है। यह ओव्यूलेशन के समय या फर्टिलिटी बनाने वाले दावों के संयोजन में किया जाता है। बता दे कि IUI की सफलता दर 10 से 20% तक होती है, जिसमें 80% तक दंपति छ: चक्र के बाद गर्भावस्था पा सकते हैं।

2. ICSI (Intracytoplasmic Sperm Injection)

ICSI का उपचार मुख्य रूप से पुरुष इनफर्टिलिटी के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। इसमें पुरुष के शुक्राणु को अंडे में इंजेक्ट किया जाता है, ताकि अंडे को फर्टिलाइज किया जा सकें। यह मुख्य रूप से प्रयोगशाला में की जाती है। इसकी प्रक्रिया में 4 से 6 सप्ताह का समय लगता है। ICSI का मुख्य उद्देश्य सर्जरी के माध्यम से पुरुष में पर्याप्त मात्रा में शुक्राणु का उत्पादन करना होता है, जिससे महिला गर्भवती हो सकें। अंडाशय में भ्रूण स्थानांतरण के लिए उन्हीं भ्रूण का चयन किया जाता है, जिसमें सबसे अच्छी गुणवत्ता होती है। इन तीन से पांच दिनों में विकसित भ्रूण को महिला के अंडाशय में स्थानांतरित किया जाता है।

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Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।

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