Three Tips To Overcome Self-Doubt: सोशल मीडिया के इस ज़माने में हम खुद की उपलब्धियों को टटोलने लगे हैं जिसकी वजह से हम imposter syndrome (इम्पोस्टर सिंड्रोम) का शिकार हो जाते हैं, यानी खुद पर ही सन्देह कर बैठते हैं। महिलाओं में ये सिंड्रोम काफी कॉमन पाया गया है क्योंकि वो आजीवन बचपन की सारी मानसिक सीमाओं को तोड़कर आगे बढ़ने का प्रयास करती हैं। जब वो ऐसा करती हैं तब आस-पास के लोग उनकी निंदा करके उन्हें ग्लानी से भर देते हैं। लेकिन अगर जीवन में आगे बढ़ना है तो आत्मविश्वास का होना बहुत ज़रूरी है। आइए जानते हैं कि आप सैल्फ़-डाउट से छुटकारा कैसे पा सकती हैं।
Self-Doubt से कैसे छुटकारा पाएं?
1. अपनी उपलब्धियों को हमेशा याद रखें
अक्सर होता है कि छोटे-मोटे झटके आने पर हम जीवन में रुक जाते हैं और अपने आप को दुनिया की नज़रों से देखने लगते हैं। इस नजरिए से आप अपनी अचीवमेंट्स को दर किनारे करके, खुद को एक फ़ेलियर समझने लगते हैं। ऐसा हो ही नहीं सकता कि आपने अपने जीवन में कुछ उपलब्ध न किया हो। इसलिए, चाहे छोटी या बड़ी, अपनी हर उपलब्धि को याद करिए और हमेशा जीवन में आगे बढ़ते रहिए।
2. तुलना की जगह प्रेरणा लें
तुलना आपकी सारी क्षमताओं को दीमक की तरह खा जाती है। तुलना के नकारात्मक विचार आने से पहले आप ये याद करिए कि आपका जीवन और किसी और का जीवन अलग-अलग है। ये जिंदगी सिर्फ आपकी है और इसपर आपको ही चलना है। किसी दूसरे की उपलब्धियों से आप प्रेरणा ले सकते हैं और उनकी गलतियों से आप कुछ सीख सकते हैं, ऐसी सोच आपको आगे बढ़ने में बहुत मदद करेगी। इसलिए दूसरों की उपलब्धियों के लिए उन्हें बधाई दें और फिर खुद की स्किल्स को निखारें।
3. थेरेपीज़ को अपनाएँ
Cognitive Behavioral Therapy (CBT) काफी प्रसिद्ध थेरेपी है, जिसकी मदद से इम्पोस्टर सिंड्रोम से बाहर निकला जा सकता है। अगर आपको लगता है कि आप नकारात्मकता से भरे हुए हैं, उसमें एकदम डूब चुकें हैं, तो इस थेरेपी को जरूर अपनाएं। इसका प्रभाव धीरे-धीरे ही सही लेकिन आपको मानसिक उलझनो से मुक्त कर सकता है।
जिंदगी एक फिसलन भरा मार्ग है, और अगर आप अपनी पहचान बनाने के लिए आगे बढ़ेंगे तो असफलता, निंदा, और आलोचनाओं का सामना तो करना पड़ेगा ही। इन स्थितियों से घबराएं नहीं, बल्कि नकारात्मक परिस्थितियों से निपटना सीखें और निरंतर अपनी संभावनाओं को निखारने का प्रयास करें।