Thyroid Problem: बढ़ती अव्यवस्थित दिनचर्या और अनियमित खानपान के चलते आए-दिन नई बीमारियां पैदा होती जा रही है। इसी कड़ी में आती है थायरॉइड बीमारी। थायरॉइड बीमारी आज तेजी से बढ़ती बीमारी है। घर-घर में कोई-न-कोई थायरॉइड बीमारी से जूझता देखा जा सकता है।
क्या होता है थायरॉइड रोग
थायरॉइड ग्रंथि (Thyroid gland) गर्दन में सांस नली के ऊपर और स्वर यंत्र के नीचे स्थित एक एंडोक्राइन ग्रंथि है। तितली के आकार की यह ग्रंथि टी 3 और टी 4 हार्मोन रिलीज करती है। इसी थायराइड ग्रंथि की सक्रियता में बदलाव आने से थायरॉइड हार्मोंस का संतुलन बिगड़ जाता है और यहीं से शुरू होती है थायरॉइड बीमारी। जब थायराइड ग्रंथि की सक्रियता बढ़ जाती है तो अंग्रेजी में इसे हाइपरथायरॉइडिज्म (Hyperthyroidism) कहा जाता है वहीं इस ग्रंथि के कम सक्रिय होने पर हाइपोथायरॉइडिज्म (Hypothyroidism) कहते हैं। दोनों ही बीमारी का रूप हैं। आइए जानें दोनों बीमारियों से जुड़े लक्षण :-
हाइपरथायरॉइडिज्म के लक्षण क्या हैं
हाइपरथायरॉइडिज्म या थायराइड ग्रंथि की अति-सक्रियता में निम्न लक्षण दिखते हैं। आइए जानें :-
- बालों का कमजोर होना जिसमें बालों का पतलापन और उनका झड़ना शामिल है
- शरीर में कमजोरी, थकान और नींद कम आना
- पसीना ज्यादा आना और हाथों में कंपन और दिल की धड़कन बढ़ना
- वजन घटना और बहुत भूख लगना
- महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता और हड्डियों में कमजोरी
- मांसपेशियों में कमजोरी और दर्द
उपर्युक्त लक्षण हाइपरथायरॉइडिज्म का संकेत हो सकते हैं। 3-4 से ज्यादा लक्षणों के दिखने पर थायराइड जांच कराना उचित है।
हाइपोथायरॉइडिज्म के लक्षण क्या हैं
हाइपोथायरॉइडिज्म या थायराइड ग्रंथि की अल्प-सक्रियता में निम्न लक्षण दिखते हैं। आइए जानें :-
- बालों का कमजोर होना जिसमें बालों का पतलापन और उनका झड़ना शामिल है
- शरीर में थकान रहना और डिप्रेशन
- सर्दी ज्यादा महसूस होना, त्वचा में सूखापन और खुजली
- पसीना कम आना, याददाश्त कमजोर होना और आंखों में सूजन होना
- वजन का बढ़ना
- महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता, जोड़ों में दर्द और कमजोरी
- सोचने-समझने की शक्ति कमजोर होना
उपर्युक्त लक्षणों में 3-4 से ज्यादा लक्षणों के दिखने पर नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करना उचित है।
क्यों होता है थायरॉइड रोग और थायरॉइड रोग को कैसे दूर करें
विशेषज्ञों की मानें तो थायरॉइड रोग के होने के पीछे की वजह अव्यवस्थित जीवनशैली है। ज्यादा तनाव में रहना इसका मुख्य कारण है। थायरॉइड रोग से बचने का उपाय दिनचर्या में योग को शामिल करना है। रोजाना शारीरिक परिश्रम करने से भी थायरॉइड रोग से बचा जा सकता है।
थायरॉइड रोग के होने पर शरीर में वसा, प्रोटीन और कॉर्बोहाइड्रेट का प्रोसिस्ड होना प्रभावित होता है। थायरॉइड ग्रंथि की सक्रियता के बदलाव से शरीर का तापमान भी गड़बड़ा जाता है। ऐसे में जरूरी है थायरॉइड रोग के प्रति विशेष सावधानी रखें। किसी भी तरह के लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी डॉक्टर से संपर्क कर थायरॉइड जांच कराएं।
चेतावनी : प्रदान की जा रही जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्य से है। कुछ भी प्रयोग में लेने से पूर्व चिकित्सा विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श लें।