Yoga For Summer: योग हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। योग शारीरिक और मानसिक परेशानियों को दूर करने का एक सफल प्रयोग है। प्राचीन काल से ही योग को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए कारगर माना गया है। आज भी मार्डन युग में योग को बढ़ावा मिल रहा है। योग की महत्वता को देखते हुए पिछले कुछ वर्षों से विश्व योग दिवस भी मनाया जा रहा है।
गर्मियों में गर्मी का प्रकोप इतना बढ़ जाता है कि लोग क्रोधित और तनाव में आ जाते हैं। गर्मी पूरी दिनचर्या उनके लिए खराब कर देती है। इसके साथ ही गर्मी के प्रकोप से लोगों को सिर-दर्द और पाचन संबंधी बीमारियां हो जाती हैं। ऐसे में योग एक सफल प्रयास है। योग के जरिए गर्मी का प्रकोप और गर्मी से राहत पाई जा सकती है।
योग के दौरान क्या सावधानियां रखें
गर्मियों में योग के दौरान खासतौर से विशेष सावधानियां बरती जाती हैं। कुछ योग हैं जो केवल गर्मियों के दौरान ही किए जाते हैं। अन्य ऋतुओं में निम्न योगों को करने से शारीरिक और मानसिक समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इसके साथ ही जरूरी है योग को किसी योग विशेषज्ञ की सलाह पर ही किया जाए।
हर योग हर किसी के लिए आवश्यक नहीं। योग को करने के दौरान विशेषज्ञ की सलाह इसलिए जरूरी है कि हर योग हर किसी शारीरिक या मानसिक परेशानी में नहीं किया जा सकता। योग की प्रक्रिया पूरी तरह शारीरिक और मानसिक तत्वों दोनों को साथ लेकर चलती है। ऐसे में इसे बीमारियों को ध्यान में रखकर किया जाता है।
योग को करने से पूर्व और बाद के एक घंटे तक भोजन का करना निषेध है। इसके साथ ही योग ब्रह्म मुहूर्त में की जाने वाली प्रक्रिया है। इसे सुबह-सुबह भी किया जा सकता है। ऐसा इसलिए कि सुबह प्रदूषण कम होता है। योग को खुले वातावरण में किया जाता है। वातावरण ऐसा हो जो शांत और स्थिर हवा वाला हो। तेज हवाओं में योग को करना घातक हो सकता है। समतल जमीन में एक विशेष आसन पर योग करें, उबड़-खाबड़ जगह में योग करना निषेध है।
गर्मियों में कौन-सा योग करें
गर्मियों में निम्न योग को करने से गर्मी से राहत पाई जा सकती है। आइए जानें :-
- शीतली प्राणायाम : शीतली प्राणायाम को करने के लिए अपनी जीभ बाहर निकालें। अब जीभ के दोनों किनारों को ऊपर की ओर मोड़कर बीच में इस तरह करें कि जीभ राउंड शेप में आ जाए। ऐसा करने के बाद मुँह से सांस लें और थोड़ी देर सांस को रोकें। अब नाक से सांस बाहर निकाल दें। इस योग को पांच से दस बार बार-बार करें।
- शीतकारी प्राणायाम : शीतकारी प्राणायाम को करने के लिए अपने मुंह को खोल लें। दांतों को जोड़कर उन्हें दबाते हुए जीभ अंदर को करके अंदर को सांस लें। ये सांस मुंह से लें और इस तरह लें कि हवा जीभ को स्पर्श करते हुए अंदर की ओर जाए। आप थोड़ा ठंडा महसूस करेंगे। अब मुंह बंद कर दें। मुंह से ली हुई सांस नाक से बाहर छोड़ें। इस तरह ये योग भी पांच से दस बार करें।
इन दो योगों को करने से शरीर का तापमान नियंत्रिय रहता है। गर्मी का प्रकोप शरीर पर कम रहता है। इसके साथ ही प्यास लगने की स्थिति में भी शीतली प्राणायाम और शीतकारी प्राणायाम से लाभ पहुंचता है। प्यास लगने पर और पास में पानी न होने की स्थिति पर उपर्युक्त योगों को करने से प्यास की कमी को टाला जा सकता है। ये योग शरीर को ठंडा रखते हैं।
चेतावनी : प्रदान की जा रही जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्य से है। कुछ भी प्रयोग में लेने से पूर्व चिकित्सा विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श लें।