Understanding The Reason Behind Causing Vitiligo: विटिलिगो एक प्रकार का स्क्रीन से संबंधित रोग है जिसमें त्वचा के प्राकृतिक रंग और सामान हो जाते हैं जिसके कारण त्वचा पर सफेद या हल्के रंग के धब्बे दिखाई देते हैं। यह स्थिति अक्सर तब उत्पन्न होती है जब मिलानोसाइट्स सेल खत्म हो जाती है या उसके अंदर कार्य करने की क्षमता समाप्त हो जाती है। मिलानोसाइट्स सेल वह सेल है जो बाल त्वचा और आंखों को रंग देने में मदद करती है। यह समस्या किसी भी उम्र में देखने को मिल सकती है लेकिन अधिकतम यह 20 से 30 वर्ष की उम्र में शुरू होती है। तो आईए जानते हैं क्या होते हैं विटिलिगो के कारण।
विटिलिगो के 5 कारण
1. ऑटोइम्यून रिएक्शन
विटिलिगो के पीछे बहुत सारी कारण हो सकते हैं इसका सबसे प्रमुख कारण ऑटोइम्यून डिसऑर्डर हो सकता है। इसमें शरीर के इम्यूनिटी सिस्टम मेलानोसाइट पर हमला कर देते हैं जिसके कारण वह नष्ट हो जाता है और त्वचा पर सफेद धब्बे या पिगमेंटेशन देखने को मिल जाता है। यह प्रक्रिया अन्य ऑटोइम्यून बीमारियों जैसे थायराइड डायबिटीज और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा होता है।
2. जेनेटिक फैक्टर
बहुत सारी ऐसी समस्या होती है जो जेनेटिक होती है, जो हमारे जींस से ही हमारे अंदर उत्पन्न हो सकती है। विटिलिगो कुछ मामलों में जेनेटिक हो सकता है यदि परिवार के किसी सदस्य को विटाली को है तो इसके अन्य सदस्यों में भी हूं की संभावना बढ़ जाती है। कुछ जिन में मिलने साइड की सुरक्षा करने की क्षमता कम होती है जिससे उनके नष्ट होने का खतरा बढ़ जाता है।
3. ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस
स्ट्रेस बहुत सारे शारीरिक, मानसिक और त्वचा के परेशानियों का कारण बनता है। जब शरीर में फ्री रेडिकल्स का स्तर बढ़ जाता है तो मिलने मिलानोसाइट्स पर प्रभाव पड़ना शुरू हो जाता है, जिसके कारण ऑक्सीडेटिव तनाव बढ़ जाता है और यह विटालीगो को बढ़ावा देने में प्रमुख भूमिका निभाता है। विटिलिगो का कारण धूप और इन्फेक्शन भी हो सकता है।
4. स्किन इन्फेक्शन
कभी-कभी स्किन पर चोट, इन्फेक्शन और सनबर्न बन के कारण विटिलिगो उत्पन्न हो सकता है। शारीरिक और मानसिक तनाव के कारण बहुत सारी स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं जिनमें से एक स्वास्थ्य समस्या विटिलिगो भी होता है। तनाव के कारण शरीर की इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर पड़ जाती है और त्वचा के मिलानोसाइट्स सेल नष्ट हो जाते हैं जिसके कारण विटालीगो की परेशानी होती है।
5. एनवायरमेंटल फैक्टर
पर्यावरण में मौजूद केमिकल और टॉक्सिक पदार्थ के संपर्क में आने से मिलानोसाइट्स सेल खत्म हो जाता है, जिसके कारण कुछ लोगों में यह समस्या देखने को मिलती है। लंबे समय तक धूप में रहने से त्वचा को नुकसान पहुंचता है और यह विटालिगों को बढ़ावा देने वाला एक संभावित कारण होता है। सनबर्न होने के कारण मिलानोसाइट्स कमजोर होता है जिसके कारण सफेद धब्बों का विकास हो सकता है।