Vaginal Bleaching: वजाइनल ब्लीचिंग करवाने के साइड इफेक्ट्स
वजाइनल ब्लीचिंग आजकल काफी ट्रेंड में है। महिलाएं अपने अंडर आर्म्स और प्राइवेट पार्ट के हिस्सों को गोरा करने के लिए वजाइनल ब्लीचिंग करवाती है। लेकिन क्या वजाइनल ब्लीचिंग करवाना आपके लिए पूरी तरह से सुरक्षित है या नहीं, यह जानना बहुत जरूरी है। आइए इस ब्लॉग में जानते हैं कि वजाइनल ब्लीचिंग क्या है? इसे क्यों करवाया जाता है? और क्या इसके संभावित साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।
क्या है वजाइनल ब्लीचिंग?
ब्लीचिंग का इस्तेमाल काले रंग को गोरा करने के लिए किया जाता है। वही वजाइनल ब्लीचिंग भी यही काम करती है। यह आपके प्राइवेट पार्ट्स के हिस्सों को काले से गोरा करने में मदद करती है। प्राइवेट पार्ट्स पर वैक्सिंग, रेजर और केमिकल युक्त हेयर रिमूवल क्रीम लगाने के कारण वह अक्सर काले दिखने लगते हैं। इस काले रंग को हटाने के लिए ही वजाइनल ब्लीचिंग का सहारा लिया जाता है। इस प्रक्रिया में काफी केमिकल युक्त प्रोडक्ट और लेजर ट्रीटमेंट का सहारा लिया जाता है। अगर आप भी वजाइनल ब्लीचिंग के बारे में सोच रही हैं तो आपको इसके साइड इफेक्ट्स की सही जानकारी होना जरूरी है।
वजाइनल ब्लीचिंग के साइड इफेक्ट?
प्राइवेट पार्ट की स्किन बहुत ही नाजुक और सेंसिटिव होती है। इसलिए आपको वजाइनल ब्लीचिंग करवाने से बचना चाहिए। लेकिन अगर आप वजाइनल ब्लीचिंग करवाना चाहती है तो आपको यह किसी एक्सपर्ट से ही करवाना चाहिए। वजाइनल ब्लीचिंग करवाने के कारण आपके वजाइना, वाल्वा और आसपास के हिस्सों में इरिटेशन हो सकती है। कभी-कभी यह इरिटेशन अधिक रेडनेस और खुजली का कारण भी बन सकती है। इसलिए किसी भरोसेमंद एक्सपर्ट से ही वजाइनल ब्लीचिंग करवानी चाहिए|
क्या वजाइनल ब्लीचिंग करवाना सही है?
प्राइवेट पार्ट्स और अंडर आर्म्स की त्वचा काफी मुलायम और सेंसिटिव होती है इसलिए वहां पर किसी भी केमिकल प्रोडक्ट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसलिए अगर आपकी वजाइना, वाल्वा और आसपास का एरिया बहुत ज्यादा सेंसिटिव है तो आपको वजाइनल ब्लीचिंग बिल्कुल भी नहीं करवाना चाहिए। ऐसी हालत में आपके लिए रेजर और वैक्सिंग करवाना ही फायदेमंद होता है। लेकिन अगर आप थोड़ी बहुत इरिटेशन और खुजली की समस्या को सहन कर सकती हैं, तो आप वजाइनल ब्लीचिंग के बारे में सोच सकती है और किसी सही एक्सपर्ट की मदद से ही इस प्रक्रिया को करवा सकती है।