What Are The Causes Of White Discharge: वजाइनल डिस्चार्ज प्रजनन प्रणाली (Reproductive System) की सेहत का पता लगाने का एक माध्यम है। सामान्य डिस्चार्ज में पानी जैसा पदार्थ, वजाइनल फ्लूइड, डेड सेल्स और बैक्टीरिया मिले होते हैं। जब महिला प्रेगनेंट होती है, तब ये ज्यादा हो सकता है क्योंकि यह रिप्रोडक्टिव पार्ट्स को सहायक बनता है। लेकिन कई बार शरीर में कोई समस्या होने पर भी डिस्चार्ज होता है। ये सवाल कई महिलाओं के मन में आता है कि ये असल में क्यों होता है, अगर उन्हें डिस्चार्ज हो रहा है तो कोई डर की बात तो नहीं? आज इस लेख से आपको इसी सवाल का जवाब मिलेगा की आखिर व्हाइट डिस्चार्ज होने के क्या कारण होते हैं।
व्हाइट डिस्चार्ज होने के क्या कारण होते हैं
ओव्यूलेशन (Ovulation)
ओव्यूलेशन यानी ओवरीज में से अंडे का निकलना। सरवाइकल फ्लूइड एक गैलबन्द जैसा होता है जिसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स और अमीनो एसिड्स मौजूद होते हैं। इस फ्लूइड की बनावट और मात्रा महिला की पीरियड्स के साइकिल के अनुसार बदलती हैं। पीरियड्स के बाद, जो तरल पदार्थ निकलता है वह एक मोटा जैसा बलगम होता है, जिसका रंग अलग होता है। इससे जाना जा सकता है कि एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ रहा है और ओव्यूलेशन होने वाला है। यह मदद करता है स्पर्म को अंडे तक पहुंचने में। ओव्यूलेशन से पहले सरवाइकल फ्लूइड की मात्रा बढ़ती है और ओव्यूलेशन के बाद यह कम हो जाता है।
हार्मोनल असंतुलन (Harmonal Imbalance)
हार्मोनल असंतुलन कई बार तनाव, खराब खान पान, अस्वस्थ लाइफस्टाइल और इंटरनल मेडिसिन की समस्याओं से जुड़ा होता है। यह समस्या अक्सर भारी व्हाइट डिस्चार्ज का कारण बन सकती है। इसलिए ये जरूरी है कि आप इन कारणों से बचें और हार्मोन्स को संतुलित रखने का प्रयास करें। आप इसके लिए अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव कर सकते हैं।
पीसीओएस (PCOS)
पॉलिसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम (PCOS) के कारण लोगों में एंड्रोजन हार्मोन की मात्रा बढ़ जाती है। यह बढ़ती मात्रा अनियमित पीरियड्स और अव्यूलेशन की समस्या पैदा कर सकती है। इसके चलते कुछ लोगों को ज्यादा वाइटिश डिस्चार्ज हो सकता है। अगर इसके अलावा आपको स्पॉटिंग या दर्द जैसे लक्षण दिखाई दें, तो डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और देर न करें।
फंगल इंफेक्शन (Fungal Infection)
फंगल इंफेक्शन से या यूस्ट इंफेक्शन, वजाइनल डिस्चार्ज बढ़ सकता है और यह अधिक गाढ़ा लगता है। इसका मुख्य कारण कैंडिडा फंगल की वृद्धि होती है। यह किसी भी उम्र की महिला में हो सकता है। यदि वजाइनल डिस्चार्ज के साथ जलन या खुजली हो, तो यह इंफेक्शन का संकेत हो सकता है। इस स्थिति में डॉक्टर से परामर्श लेनी चाहिए और उपचार करवाना चाहिए। ऐसे में आप को अपनी सफाई का भी खास खयाल रखना पड़ता है।
वैजिनाइटिस (Vaginitis)
वैजिनाइटिस वजाइनल क्षेत्र में सूजन है, जो संक्रमण या अन्य कारणों से हो सकती है जैसे कि गंदे कपड़े पहनना, अनावश्यक वजाइनल क्लींजिंग या बदलते फॉर्मूला वाले धोने के पाउडर का उपयोग। इसके परिणामस्वरूप वजाइनल डिस्चार्ज बढ़ सकता है, जो अलग-अलग रंगों का हो सकता है। वजाइना से अनगिनत संकेत हो सकते हैं जैसे कि बदबू या खुजली। कई महिलाओं को पेशाब करते समय दर्द भी महसूस हो सकता है। इस स्थिति में डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।
बैक्टीरियल वेजिनोसिस (Bacterial Vaginosis)
बैक्टीरियल वेजिनोसिस एक समस्या है, जब वजाइना में अधिक बैक्टीरिया होते हैं। यह समस्या 15 से 44 वर्ष की आयु की महिलाओं में अधिक देखी जाती है। इसे यूटीआई का कारण भी माना जाता है और इस समस्या से ग्रस्त महिलाओं को साफ़ेद या भूरे हल्के रंग का वजाइना से निकलने वाला डिस्चार्ज हो सकता है।
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