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What are the dietary mistakes behind irregular periods in teenage girls: किशोरावस्था में पीरियड्स का अनियमित होना एक आम समस्या है, परंतु अक्सर हम यह नहीं समझ पाते कि हमारी दैनिक खानपान की आदतें भी इस समस्या को बढ़ावा दे सकती हैं। मासिक धर्म चक्र के नियमित न होने के पीछे पोषण संबंधी कमियां एक प्रमुख कारण हो सकती हैं, जिस पर अक्सर ध्यान नहीं दिया जाता।
किशोरियों में अनियमित पीरियड्स के पीछे क्या हैं खानपान की गलतियां?
खानपान और मासिक धर्म का गहरा संबंध
शरीर में हार्मोनल संतुलन बनाए रखने के लिए उचित पोषण आवश्यक है। जब किशोरियों के आहार में iron, protein, स्वस्थ वसा और विटामिन्स की कमी होती है, तो यह सीधे तौर पर उनके मासिक चक्र को प्रभावित करता है। आधुनिक जीवनशैली में जंक फूड का बढ़ता सेवन, पानी की कमी और पोषक तत्वों से भरपूर भोजन को नजरअंदाज करना इस समस्या को और बढ़ा देता है।
खानपान में ये गलतियां बनती हैं मुख्य वजह
किशोरियों में irregular periods की एक बड़ी वजह आयरन युक्त भोजन का पर्याप्त मात्रा में न लेना है। पालक, चुकंदर और दालों जैसे आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थों को नियमित रूप से न खाने से शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर गिरता है, जिससे मासिक धर्म अनियमित हो सकता है। इसी तरह, प्रोटीन की कमी भी हार्मोनल असंतुलन पैदा करती है। दालें, अंडे और डेयरी उत्पादों को आहार में शामिल न करने से यह समस्या और बढ़ जाती है।
स्वस्थ वसा का सेवन न करना भी एक प्रमुख कारण है। घी, नट्स और एवोकाडो जैसे खाद्य पदार्थों में पाए जाने वाले स्वस्थ वसा एस्ट्रोजन हार्मोन के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनके अभाव में हार्मोनल स्तर गड़बड़ा सकता है। आजकल किशोरियों में जंक फूड और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का अत्यधिक सेवन भी इस समस्या को बढ़ा रहा है। इन खाद्य पदार्थों में मौजूद अनहेल्दी फैट्स और रिफाइंड शुगर हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ते हैं।
पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना भी एक गंभीर समस्या है। शरीर में पानी की कमी से डिहाइड्रेशन होता है, जो पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द और अनियमितता को बढ़ा सकता है। दिनभर में कम से कम 8-10 गिलास पानी पीना चाहिए ताकि शरीर सही तरीके से कार्य कर सके।
पीरियड्स को नियमित बनाने के लिए आहार संबंधी सुझाव
अनियमित पीरियड्स को नियंत्रित करने के लिए सबसे पहले आयरन युक्त खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करना चाहिए। हरी पत्तेदार सब्जियां, चुकंदर, ड्राई फ्रूट्स और दालें आयरन का अच्छा स्रोत हैं। प्रोटीन के लिए दालें, अंडे, पनीर और सोया उत्पादों का सेवन करना चाहिए। ओमेगा-3 फैटी एसिड के लिए फ्लैक्स सीड्स, अखरोट और फिश को आहार में शामिल करना फायदेमंद होगा।
दही, केला और डार्क चॉकलेट जैसे खाद्य पदार्थ पीरियड्स के दौरान होने वाले मूड स्विंग्स को कम करने में मदद करते हैं। कैफीन और प्रोसेस्ड शुगर का सेवन कम से कम करना चाहिए क्योंकि ये हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ते हैं। संतुलित आहार के साथ-साथ नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद भी मासिक धर्म चक्र को नियमित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
डॉक्टरी सलाह कब लेनी चाहिए?
यदि तीन महीने से अधिक समय तक पीरियड्स अनियमित रहें, बहुत अधिक दर्द हो या ब्लीडिंग अत्यधिक मात्रा में हो तो तुरंत किसी अच्छे गायनाकोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए। कई बार यह समस्या PCOS या थायरॉइड जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत भी हो सकती है। समय पर डॉक्टरी सलाह लेने से इन समस्याओं का समाधान आसानी से किया जा सकता है।