What Are The Effects Of Stealthing On Women: सेक्स के दौरान कंडोम बहुत जरूरी है। इसे आपको हर सेक्सुअल एक्टिविटी से पहले पहनना जरूरी है ताकि आप STI और अनचाहे गर्भ से बच सके। खासतौर पर महिलाओं की बात की जाए तो उन्हें अपने पार्टनर को सेक्स से पहले कंडोम की बात जरूर कहनी चाहिए। अगर आपका पार्टनर इसके लिए नहीं मान रहा है तो आपको फीमेल कंडोम का इस्तेमाल करना चाहिए। दोनों पार्टनर्स को एक साथ प्रोटेक्शन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। आज हम आपको एक ऐसी स्थिति के बारे में बताएंगे जिसे हम Stealthing कहते हैं।
जानें Stealthing का महिलाओं के ऊपर क्या प्रभाव पड़ता है?
आख़िर Stealthing क्या होता है?
यह एक ऐसी स्थिति जिसे रेप की तरह देखा जाता है। इस स्थिति में पहले दोनों पार्टनर एक-दूसरे के साथ प्रोटेक्शन के साथ सेक्स करने के लिए मानते हैं लेकिन एक पार्टनर सेक्सुअल एक्टिविटी के दौरान बिना पार्टनर की कंसेंट के कंडोम को रिमूव कर देता है। यह एक तरह का सेक्सुअल हरासमेंट है जिसके कारण पार्टनर को STI या फिर अनचाहे गर्भ से गुजरना पड़ सकता है।
इस घटना को ज्यादातर पुरष अंजाम देते हैं और इसे Misogyny की तरह देखा जाता है। पुरुष इसलिए भी ऐसा करते हैं क्योंकि उन्हें बिना कंडोम के सेक्स ज्यादा मजेदार लगता है। इसके लिए पुरुषों का डोमिनेंस फैक्टर भी जिम्मेदार है।
महिलाएं कैसे प्रभावित होती है?
धोखा: यह एक तरह का धोखा है। आप किसी के जज्बातों के साथ खेलते हैं और उन्हें रिस्क में डाल देते हैं। इससे आप रिश्ते की गरिमा को भी बने नहीं रहने देते हैं और आपके पार्टनर को आप पर भरोसा करने में मुश्किल होती है। इसके साथ ही महिला की Consent की वैल्यू नहीं होती। पार्टनर आपकी शारीरिक और मानसिक सेहत को बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं मानता है। वह सिर्फ खुद के बारे में सोचता है और अपने आप को ऊपर रखता है।
स्वायत्तता की हानि: महिलाओं की स्वायत्तता के ऊपर हमेशा ही सवाल उठते रहते हैं और इसकी वैल्यू नहीं की जाती है। इस प्रक्रिया में भी ऐसा होता है कि महिलाओं का खुद की बॉडी के ऊपर कोई कंट्रोल नहीं रहता है क्योंकि आपकी फिजिकल हेल्थ का फैसला आपका पार्टनर लेता है। उसे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि इसके कारण आपको सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इनफेक्शन हो सकता है या फिर अनचाहे गर्भ से गुजरना पड़ सकता है। यह एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है।
भावनात्मक हेल्थ प्रभावित: इस घटना के कारण भावनात्मक हेल्थ पर भी बहुत असर पड़ता है। इसके कारण उन्हें अपने इमोशंस को रेगुलेट करने में बहुत परेशानी होती है। पार्टनर को डिप्रेशन और एंग्जायटी का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में महिलाएं खुद को ब्लेम करने लगे जाती हैं और गिल्ट में रहने लग जाती हैं।
Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।