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Photograph: (Pinterest)
What Are The Harms Caused By Lack Of Nutrition In Young Children: छोटे बच्चों के लिए सही पोषण उनके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बेहद ज़रूरी होता है, क्योंकि यही समय उनके शरीर और दिमाग के सही विकास का आधार होता है। पोषण की कभी से उनमें कई तरह की परेशानियां देखने को मिल सकती हैं। अगर इस उम्र बच्चों में पोषण की कमी हो जाए, तो इसका असर सिर्फ शरीर पर ही नहीं बल्कि उनके मानसिक और बौद्धिक विकास पर भी गहरा प्रभाव डालता हैं। आइए जानते हैं छोटे बच्चों में पोषण की कमी से होने वाले नुकसान कौन-कौन से हैं।
छोटे बच्चों में पोषण की कमी से होने वाले नुकसान कौन कौन से हैं
1. शारीरिक विकास का रुक जाना
बच्चों में पोषण की कमी के कारण हाइट और वज़न उनकी उम्र के हिसाब से नहीं बढ़ पाते है। जिससे उनका शारीरिक विकास रूक जाता है ऐसे में बच्चे अक्सर दुबले-पतले और कमजोर दिखाई देने लगते हैं।
2. मानसिक विकास पर बुड़ा असर होना
छोटे बच्चों में सही पोषण के बिना मस्तिष्क का विकास काफी धीमा हो जाता है, जिससे बच्चा बोलने, समझने या सीखने में पीछे रह सकता है। ऐसे में वह दूसरे बच्चों के मुकाबले पढ़ाई में पीछे रह जाते हैं।
3. रोगों से लड़ने की ताकत कम हो जाना
अंडरनुट्रिशन बच्चों की इम्यूनिटी को बहुत कमजोर कर देता है। जिस कारण उनमें रोगों से लड़ने की क्षमता कमजोर हो जाती है। जिससे उन्हें बार-बार बुखार, सर्दी, दस्त, निमोनिया जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
4. भूख न लगना और खाना पचने में दिक्कत होना
छोटे बच्चों के शरीर में जब ज़रूरी विटामिन्स और मिनरल्स की कमी होती है, तो उन्हें भूख भी कम लगती है। इसका मतलब बच्चा कम खाएगा और इस वजह से पाचन शक्ति कमजोर हो जाएगी, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है।
5. थकान और कमजोरी होना
उनमें एनर्जी की कमी के कारण बच्चे बहुत जल्दी थक जाते हैं, जिससे वह खेलने कूदने में कम रुचि लेते हैं और उनका ध्यान जल्दी भटकने लगता है।
6. पढ़ाई और स्कूल में प्रदर्शन पर बुड़ा असर पड़ना
अगर पोषण ठीक न हो तो बच्चों की याददाश्त, समझने की शक्ति और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता कम होने लगती है, जिससे बच्चों का स्कूल में परफॉर्मेंस खराब होता है।
7. गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाना
लंबे समय चल रहें पोषण की कमी से बच्चों को एनीमिया यानी खून की कमी, हड्डियों की कमजोरी, विटामिन C की कमी या गंभीर कुपोषण जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
इससे बचने के समाधान क्या है?
बच्चों को संतुलित आहार देना जरूरी है जिसमें दालें, दूध, फल, हरी सब्जियाँ, अंडे, अनाज और नट्स शामिल होने चाहिए।
बच्चों को जन्म से 6 महीने तक केवल माँ का दूध देना चाहिए। जिससे उनमें रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ सकें।
छोटे बच्चों का समय-समय पर वैक्सीनेशन और नियमित स्वास्थ्य जांच जरूर कराएं।
छोटे बच्चों को भोजन में आयरन, कैल्शियम और विटामिन से युक्त आहार देना जरूरी है।