Symptoms Of Depression: उतार चढ़ाव तो जिंदगी का अहम हिस्सा होते हैं जो कभी खत्म नहीं होता जब तक जिंदगी रहेगी तब तक हमें कोई ना कोई प्रॉब्लम का सामना करना ही पड़ेगा। हमारी जिंदगी में काफी समय ऐसे पल आते हैं जब हम अपने आप को यूजलेस समझने लगते हैं। लगता है की जिंदगी का कोई महत्व नहीं रह गया है। जिस वजह से हमारी मोटिवेशन एकदम चली जाती है और हमें कुछ भी अच्छा नहीं लगता। हमें हर अच्छी चीज भी बेकार लगने लगती है। इसी फेस को डिप्रेशन माना जाता है।
यह हैं डिप्रेशन के ऐसे 5 लक्षण जिन्हें नजरअंदाज ना करें
1.अकेलापन (Loneliness)
अकेले रहने में और अकेला पड़ जाने में बहुत अंतर होता है। कुछ लोगों को अकेला रहना पसंद होता है और कुछ ऐसे भी लोग हैं जो जब दुखी होते हैं तो अपने आप को परिवार से भी अलग कर लेते हैं। जब आप किसी बुरे समय से गुजरते हैं, आप कुछ बुरा फेस कर रहे होते हैं तो हर चीज से आप का मन उचट जाता है। कुछ भी पसंद नहीं आता, कभी-कभी आप बहुत से लोगों के बीच में रहते हुए खुद को अकेला महसूस करते हैं।
2.पसंदीदा चीजों से मन उठना
एक नॉर्मल इंसान को हमेशा कुछ ना कुछ चीजें जरूर पसंद होती है। उसकी कुछ हॉबीज होती है, उसे खेलना कूदना ,लोगों से मिलना ,बातें करना आदि पसंद हो सकता है। इसी के विपरीत डिप्रेशन के मरीज को इन सब चीजों में से कोई लगाव नहीं रह जाता। जहां पहले उसे खेलना कूदना या कोई भी ऐसी हॉबीज उसे पसंद थी वह डिप्रेशन के समय वो इन सब से दूर भागने लगता है। इन सब से उसका इंट्रेस्ट एकदम हट जाता है।
3. चिड़चिड़ापन होना और गुस्सा आना (Angry and Isolated)
काफी लोगों का स्वभाव होता है गुस्सा करना पर एक डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति को छोटी छोटी बातों पर गुस्सा आ जाता है। वह छोटी सी बात पर चिड़चिड़ा होने लगता है और लड़ने लगता है। वह अपने पसंदीदा लोगों से बात करते वक्त भी aggressive बन जाता है। उसे किसी से बात करना भाता नहीं है और गुस्से के कारण अक्सर झगड़ा कर लेता है। धीरे-धीरे वह अपने आप को सबसे अलग कर लेता और अकेले ही चिंता और डिप्रेशन से जूझता रहता है।
4. खुद को जिम्मेदार ठहराना
डिप्रेशन मे अक्सर व्यक्ति अपनी बातें छुपाने लगता है। वह अपने बारे में अपने अंदर चल रहे किसी भी इमोशन के बारे में किसी को नहीं बताना पसंद करता। उसके आसपास घटीत हो रही हर बुरी चीज के लिए वह खुद को जिम्मेदार ठहराने लगता है। Useless फील करने लगता है और साथ ही साथ खुद को खत्म कर लेने के विचार भी उसको आने लगते हैं।
5. नींद का पूरा ना होना (Sleep Deprived)
समय पर सोना और समय पर जागना एक natural process है। यह बात तो सबके लिए आम है, नींद आने पर हम सोते हैं नींद पूरी हो जाने पर हम उठ जाते हैं पर जब कोई व्यक्ति depression से गुजर रहा होता है तब या तो वह सोता ही नहीं है उसे नींद ही नहीं आती या फिर वह दिन भर सोने जैसा महसूस करता है। उसका किसी काम में मन नहीं लगता।