Advertisment

Gestational Diabetes: गर्भकालीन डायबिटीज़ का मां और बच्चे पर क्या प्रभाव पड़ता है

गर्भकालीन डायबिटीज़ (Gestational Diabetes) एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्भवती महिला के शरीर में इंसुलिन का उत्पादन पर्याप्त नहीं होता, जिससे रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। यह स्थिति आमतौर पर गर्भावस्था के दूसरे या तीसरे त्रैमासिक में विकसित होती है

author-image
Soumya Dixit
New Update
png 5734

Know What Effect Does Gestational Diabetes Have On Mother And Child?: गर्भकालीन डायबिटीज़ (Gestational Diabetes) एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्भवती महिला के शरीर में इंसुलिन का उत्पादन पर्याप्त नहीं होता, जिससे रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। यह स्थिति आमतौर पर गर्भावस्था के दूसरे या तीसरे त्रैमासिक में विकसित होती है और यह आमतौर पर बच्चे के जन्म के बाद समाप्त हो जाती है। हालांकि, गर्भकालीन डायबिटीज़ का मां और बच्चे पर कई महत्वपूर्ण प्रभाव हो सकते हैं

Advertisment

गर्भकालीन डायबिटीज़ का मां और बच्चे पर क्या प्रभाव पड़ता है

गर्भवती महिला पर प्रभाव

1. स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएँ

Advertisment

गर्भकालीन डायबिटीज़ से मां को उच्च रक्तचाप, प्रीक्लेम्पसिया (गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप और प्रोटीन का स्तर बढ़ना) और अन्य जटिलताओं का खतरा बढ़ जाता है।

2. मेटाबोलिक सिंड्रोम

गर्भकालीन डायबिटीज़ से गुजरने वाली महिलाओं में भविष्य में टाइप 2 डायबिटीज़ विकसित होने का जोखिम बढ़ जाता है। ऐसे मामलों में, उन्हें जीवनशैली में बदलाव करने और नियमित स्वास्थ्य जांच कराने की आवश्यकता होती है।

Advertisment

3. मानसिक स्वास्थ्य

गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज़ का प्रबंधन करना मानसिक तनाव और चिंता का कारण बन सकता है, जिससे मां के मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

बच्चे पर प्रभाव

Advertisment

1. वजन में वृद्धि

गर्भकालीन डायबिटीज़ के कारण बच्चे का वजन सामान्य से अधिक हो सकता है, जिसे मैक्रोसोमिया कहा जाता है। इससे जटिलताएँ जैसे कि सीज़ेरियन सेक्शन की आवश्यकता बढ़ सकती है।

2. प्रसव के समय जटिलताएँ

Advertisment

उच्च वजन के कारण, बच्चे का प्रसव कठिन हो सकता है, जिससे मां और बच्चे दोनों के लिए जोखिम बढ़ जाता है।

3. नवजात शिशु की समस्याएँ

गर्भकालीन डायबिटीज़ से प्रभावित नवजात शिशुओं में हाइपोग्लाइसीमिया (रक्त शर्करा का कम होना), श्वसन संबंधी समस्याएँ और अन्य स्वास्थ्य जटिलताएँ हो सकती हैं।

Advertisment

4. दीर्घकालिक स्वास्थ्य प्रभाव

ऐसे बच्चों में भविष्य में मोटापे और टाइप 2 डायबिटीज़ विकसित होने का खतरा अधिक होता है।

गर्भकालीन डायबिटीज़ का प्रबंधन

Advertisment

गर्भकालीन डायबिटीज़ का प्रबंधन करना महत्वपूर्ण है। इसके लिए महिलाओं को अपने आहार का ध्यान रखना चाहिए, नियमित व्यायाम करना चाहिए, और रक्त शर्करा के स्तर की नियमित जांच करनी चाहिए। डॉक्टरों द्वारा निर्धारित इंसुलिन या अन्य दवाओं का उपयोग भी आवश्यक हो सकता है। 

गर्भकालीन डायबिटीज़ मां और बच्चे दोनों के लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ पैदा कर सकती है। इसलिए, गर्भवती महिलाओं को अपनी स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देनी चाहिए और किसी भी अनियमितता के लिए अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से संपर्क करना चाहिए। उचित देखभाल और प्रबंधन से इस स्थिति के प्रभावों को कम किया जा सकता है और स्वस्थ गर्भावस्था सुनिश्चित की जा सकती है।

Diabetes Diabetes Diet
Advertisment