Adenovirus: कोलकाता में हाल ही में एडिनोवायरस के संदेहित मामले सामने आए हैं। यह एक खतरनाक वायरस है जो सांस लेने से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकता है। इस वायरस के संक्रमण से लोगों को सांस लेने में तकलीफ, फेफड़ों की समस्याएं, जूँगी खांसी, बुखार और अन्य सांस संबंधित लक्षण हो सकते हैं। इसलिए, लोगों को सतर्क रहना और स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के दिए गए निर्देशों का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। जब तक संक्रमण के खतरे कम नहीं होते, लोगों को सावधान रहना चाहिए और हाइजीन और सुरक्षा के उपायों का पालन करना चाहिए। आइये जानें कि आखिर क्या है ये वायरस और बच्चों में कैसे फैलता है।
एडिनोवायरस क्या है, बच्चों में कैसे फैलता है
एडिनोवायरस क्या है?
ये एक सामान्य वायरस है जो आमतौर पर हल्के सर्दी जुकाम जैसे लक्षण पैदा करता है, लेकिन यह वाइरस गंभीर संक्रमण भी पैदा कर सकता है। खासतौर से शिशु, छोटे बच्चे और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में इसके लक्षण जल्दी दिखाई देते हैं। एडिनोवायरस के लक्षण में बुखार, खांसी, गले में खराश, नाक बहना, आंखों में सूजन, दस्त और उल्टी जैसी समस्याएं शामिल हैं। गंभीर मामलों में, एडिनोवायरस निमोनिया जैसी गंभीर समस्याएं भी पैदा कर सकता है।
बच्चों में कैसे फैलता है
हवा में प्रसार: जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है, तो उसके वायरस हवा में फैल जाते हैं। अगर कोई स्वस्थ व्यक्ति इस संपर्क में आएं, तो वो भी संक्रमित हो सकता है।
सतहों पर प्रसार: वायरस संक्रमित सतहों पर रह सकता है, जैसे कि दरवाजे के हैंडल, टेबल और खिलौने। अगर कोई स्वस्थ व्यक्ति इन सतहों को छूता है और फिर अपनी आंख, मुंह या नाक को टच करता है, तो वो भी संक्रमित हो सकता है।
मल के माध्यम से: कई एडिनोवायरस संक्रमित व्यक्ति के मल के माध्यम से फैल जाते हैं, जैसे कि बच्चें का डायपर बदलते समय। यदि कोई दूसरा स्वस्थ व्यक्ति संक्रमित मल के संपर्क में आता है, तो वो भी चपेट में आ सकता है।
पानी के माध्यम से प्रसार: एडिनोवायरस पानी के माध्यम से भी फैल सकता है, जैसे कि स्विमिंग पूल या हॉट टब। यदि कोई स्वस्थ व्यक्ति इस पानी को निगल लेता है तो संक्रमित हो सकता है।
पेरेंट्स क्या करें
- अपने बच्चों को भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचाएं, खासकर जब अधिक लोगों के संग वे हों।
- अपने बच्चों को बार-बार हाथ धोने का संज्ञान दें और इसे उनकी आदत बनाए रखें।
- उन्हें एक स्वस्थ आहार प्रदान करें, जो उनके इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखेगा।
- उन्हें ठंडे प्रदूषण मुक्त वातावरण में रखें और उन्हें हमेशा उपयुक्त रूप से पोषण प्रदान करें।
- यदि उनमें बुखार, खांसी या सांस लेने में कोई तकलीफ हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और उपचार कराएं।
Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।