Mental Health: आज के समय में हर किसी को कोई न कोई परेशान जरूर है कुछ लोग उसका सामना करते है वही कुछ तनाव, चिंता और डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं। डिप्रेशन एक मानसिक समस्या है जो व्यक्ति के भावनात्मक, मानसिक और शारीरिक स्तर पर प्रभाव डालती है। डिप्रेस्ड व्यक्तियों की कुछ आदतें अक्सर उनके विचारों, भावनाओं और दिनचर्या में बदलाव का संकेत देती हैं। ये आदतें उनके डिप्रेशन को बढ़ा सकती हैं और उन्हें सामाजिक और व्यक्तिगत स्तर पर परेशान कर सकती हैं। लोगों को अक्सर पता नही चल पाता के दूसरा व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार है या खुद भी वे डिप्रेशन में है। ऐसे में आज इस लेख से आप उन आदतों के बारे में जानें जो एक डिप्रेस्ड व्यक्ति में होती हैं।
डिप्रेस्ड लोगों में होती हैं ये आदतें
लगातार उदास रहना
डिप्रेशन के अनुभव कर रहे लोगों की यह आदत हो सकती हैं क्योंकि उन्हें आमतौर पर उदास और निराश महसूस होता है। यह उदासी उनके विचारों, भावनाओं और दैनिक गतिविधियों पर प्रभाव डाल सकती है। वे अक्सर सामाजिक संवाद में कमी महसूस करते हैं, उदास तो सभी होते है मगर ये उदास होने की भावना अगर नही जाए तो इसका मतलब डिप्रेशन ही है।
भूख न लगना
डिप्रेशन के दौरान, लोगों की आहार और भोजन के प्रति रुचि में कमी हो सकती है जिससे उन्हें भूख नहीं लगती है। यह एक सामान्य डिप्रेशन का लक्षण है जिसे अपेटाइट लॉस कहा जाता है। कुछ लोगों की इस समय भूख बढ़ जाती है तो वही अन्य लोगों की खाने की इच्छा ही खत्म हो जाती है।
नींद में बदलाव होना
डिप्रेशन के लक्षणों में नींद की कमी भी शामिल हो सकती है, क्योंकि मानसिक तनाव और चिंता नींद को प्रभावित कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, डिप्रेशन के कारण हार्मोनल असंतुलन भी हो सकता है, जो नींद की समस्याओं का कारण बन सकता है। अक्सर डिप्रेस्ड लोग बेवजह की बातें ज्यादा सोचते है और जिस वजह से नींद आना न मुमकिन सा हो जाता है।
ऊर्जा में कमी
जब लोग डिप्रेशन का सामना करते हैं, तो उन्हें अक्सर ऊर्जा में कमी का सामना करना पड़ता है। यह आदत उनकी रोजमर्रा की गतिविधियों पर भी असर डालती है। वे अक्सर थका-हारा और एक्टिव नही महसूस करते हैं और उन्हें छोटे कामों को करने में भी परेशानी होती है। यह आदत उनकी सामाजिक और पेशेवर जीवन में भी असर डालती है, जिससे उन्हें अपने रिश्तों और कार्यक्षेत्र में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
बेचैनी और चिड़चिड़ापन
डिप्रेशन में व्यक्ति अकेलापन, उदासी और निराशा का सामना करता है। उन्हें अक्सर अच्छा महसूस नहीं होता, जो उन्हें बेचैनी और चिड़चिड़ापन महसूस कराता है। यह आदतें और व्यवहारिक परिवर्तन उनके सामाजिक और व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे वे अपने आसपास के लोगों से दूरी बना सकते हैं।
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