Mental Health: बाइपोलर डिसऑर्डर, जिसे पूर्व में मैनिक-डिप्रेशन के रूप में जाना जाता था, एक मानसिक स्वास्थ्य विकार है जो व्यक्ति के मूड, ऊर्जा, गतिविधियों और डेली लाइफ़ पर इफेक्ट पड़ता है। यह स्थिति मैनिक और डिप्रेसिव एपिसोड के बीच cyclical change से पहचानी जाती है, जिसके कारण व्यक्ति की सामान्य जीवनशैली और रिश्तों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
बाइपोलर डिसऑर्डर के कई प्रमुख प्रकार हैं
1. बाइपोलर I डिसऑर्डर
इसमें कम से कम एक मैनिक एपिसोड होता है, जो अक्सर गंभीर होता है और व्यक्ति की सामान्य कार्यक्षमता को बाधित कर सकता है। इसके साथ डिप्रेसिव एपिसोड भी हो सकते हैं, लेकिन उनकी आवश्यक नहीं होती।
2. बाइपोलर II डिसऑर्डर
इस प्रकार में व्यक्ति को गंभीर मैनिक एपिसोड का अनुभव नहीं होता, बल्कि हाइपोमैनिक (हल्का मैनिक) और गंभीर डिप्रेसिव एपिसोड होते हैं। डिप्रेसिव एपिसोड की गंभीरता और अवधि इस स्थिति को निर्धारित करती है।
3. साइक्लोथिमिया
यह एक हल्का प्रकार है जिसमें व्यक्ति हाइपोमैनिक और हल्के डिप्रेसिव एपिसोड का अनुभव करता है। ये लक्षण कम गंभीर होते हैं, लेकिन फिर भी व्यक्ति के जीवन को प्रभावित कर सकते हैं।
बाइपोलर डिसऑर्डर क्या है लक्षण
1. उदासी और निराशा
व्यक्ति लगातार उदासी और निराशा का अनुभव करता है। सामान्य गतिविधियों में रुचि की कमी हो जाती है।
2. थकान
व्यक्ति को थकान महसूस होती है, और उसे दैनिक कार्य करने में कठिनाई होती है।
3. नींद में परिवर्तन
डिप्रेसिव एपिसोड के दौरान व्यक्ति नींद में कठिनाई का अनुभव कर सकता है, या वह बहुत अधिक सो सकता है।
4. आत्म-आलोचना
व्यक्ति में आत्म-संदेह और आत्म-निंदक विचार उत्पन्न होते हैं, जिससे वह अपने आप को कमतर समझता है।
5. सोचने में कठिनाई
निर्णय लेने या ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है। व्यक्ति को अपने विचारों को व्यवस्थित करने में परेशानी हो सकती है।
6. शारीरिक लक्षण
कभी-कभी व्यक्ति शारीरिक लक्षण जैसे सिरदर्द, पेट दर्द या अन्य शारीरिक समस्याओं का अनुभव कर सकता है, जो मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित नहीं होते।