What Is Mucositis And How To Prevent It? कैंसर से जुड़ी कई समस्या सामने आती हैं। जिनमें से एक है- म्यूकोसाइटिस। इसमें मुंह में छाले निकल आते हैं। यह बीमारी ज्यादातर कैंसर से पीड़ित मरीजों में ही होती हैं। आमतौर पर कैंसर के इलाज के दौरान कई लोग इसके चपेट में आ जाते हैं। यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। इसकी शुरुआत गले और आंतों की मेम्ब्रेन में सूजन और छाले के कारण होता है। म्यूकोसाइटिस कैंसर इलाज के दौरान होने वाले साइड इफेक्ट्स का भी नतीजा रहता है। हालांकि ये अस्थाई होते हैं, जो अपने आप ठीक हो जाते हैं लेकिन समस्या के दौरान तक काफी दर्द रहता है, जो सामान्यत: आंत तक परेशानियां उत्पन्न करती हैं।
म्यूकोसाइटिस होने का कारण
1. कैंसर
आमतौर पर यह कैंसर के इलाज के दौरान होता है। इस दौरान कैंसर पीड़ित मरीज को कीमोथेरेपी और रेडिएशन दी जाती है, जिसके साइड इफेक्ट्स के कारण यह समस्या उत्पन्न होती है।
2. ओरल हेल्थ
जिन व्यक्तियों को ओरल हेल्थ में समस्या होती है। उनमें म्यूकोसाइटिस की परेशानी दिखती है।
3. संक्रामक रोग
यह कई मामले में संक्रामक रोग के कारण भी होता है। ऐसी स्थिति में आप एंटीबायोटिक के दवाएं ले सकते हैं, जो इससे राहत दिलाने में मदद करता है।
म्यूकोसाइटिस का लक्षण
- मुंह में घाव
- मसूड़े में सूजन
- बोलने में दिक्कत
- मुंह में दर्द और छाले
- मुंह में ब्लीडिंग आना
- मुंह में लाल दाने का निकलना
इससे बचाव के उपाय
1. एंटीबायोटिक दवा
म्यूकोसाइटिस होने पर एंटीबायोटिक दवाई का सेवन कर सकते हैं। जो आमतौर पर मुंह के बैक्टीरिया को समाप्त करते हैं, लेकिन इसके सेवन करने से पहले किसी डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।
2. माउथवॉश
इसके दौरान आपके मुंह में छाले और लाल दाने आ जाते हैं। जिसके लिए आप मेडिकेटेड माउथवॉश का इस्तेमाल राहत पाने के लिए कर सकते हैं। इससे मुंह के बैक्टीरिया नष्ट होते हैं। साथ ही घाव भी धीरे-धीरे भरने लगता है।
3. क्रायोथेरेपी
म्यूकोसाइटिस से राहत पाने के लिए आप क्रायोथेरेपी का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आप इस दौरान ठंडा तरल पदार्थ का सेवन करें। जैसे- दूध, दही, छाछ और नारियल पानी आदि
4. हाइजीन का रखें ध्यान
इससे पीड़ित लोगों को इस दौरान अपने हाइजीन के प्रति सावधानी बरतनी चाहिए। इसके लिए आप रोजाना अपने मुंह को साफ करें और नियमित रूप से ब्रश करें।
Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।