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महिलाओं के शरीर में होने वाले नेचुरल प्रोसेस में से एक वजाइनल डिस्चार्ज भी है। यह शरीर की सफाई का हिस्सा है और रिप्रोडक्टिव हेल्थ के लिए जरूरी होता है। लेकिन जब यह जरूरत से ज्यादा हो जाए, बदबूदार हो या इसका रंग और टेक्सचर असामान्य लगे, तो यह किसी इन्फेक्शन का संकेत भी हो सकता है। बार-बार सफेद पानी आना आम समस्या हो सकती है, लेकिन इसे नजरअंदाज करना सही नहीं है। यह समझना जरूरी है कि कब यह सामान्य है और कब यह किसी हेल्थ इशू का संकेत है।
नॉर्मल और असामान्य वजाइनल डिस्चार्ज में फर्क
सामान्य स्थिति में वजाइनल डिस्चार्ज ट्रांसपेरेंट या हल्का सफेद रंग का होता है और इसमें किसी तरह की गंध नहीं होती। यह शरीर की जरूरत के हिसाब से मेंस्ट्रुअल साइकिल के अलग-अलग फेज में बदल सकता है।
हालांकि, जब डिस्चार्ज का रंग पीला, हरा या भूरा हो जाए, बदबू आने लगे या खुजली और जलन होने लगे, तो यह किसी तरह के इन्फेक्शन का संकेत हो सकता है। ऐसी स्थिति में सतर्क रहना और जरूरी कदम उठाना बेहद जरूरी होता है।
बार-बार सफेद पानी आने की वजह
कई कारणों से वजाइनल डिस्चार्ज में बदलाव हो सकता है। सबसे आम कारणों में फंगल या बैक्टीरियल इन्फेक्शन, हॉर्मोनल बदलाव और अनहाइजीनिक आदतें शामिल हैं।
फंगल इन्फेक्शन और यीस्ट ओवरग्रोथ
अगर डिस्चार्ज गाढ़ा, सफेद और दही जैसा हो, तो यह यीस्ट इन्फेक्शन (कैंडिडायसिस) हो सकता है। इस स्थिति में खुजली और जलन की समस्या भी देखी जाती है। यह इन्फेक्शन ज्यादातर इम्यून सिस्टम कमजोर होने, ज्यादा चीनी वाले फूड्स खाने और गलत हाइजीन के कारण होता है।
बैक्टीरियल वेजिनोसिस और असंतुलित pH लेवल
जब वजाइना में बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ जाता है, तो बैक्टीरियल वेजिनोसिस हो सकता है। इसमें सफेद पानी पतला हो सकता है और इसमें बदबू आ सकती है। यह स्थिति अक्सर साबुन या केमिकल युक्त प्रोडक्ट्स के ज्यादा इस्तेमाल, अनसेफ सेक्स और हॉर्मोनल बदलाव के कारण होती है।
सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (STI)
अगर सफेद पानी के साथ जलन, दर्द और बदबू भी हो रही है, तो यह किसी STI (जैसे क्लैमाइडिया या गोनोरिया) का संकेत हो सकता है। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
हॉर्मोनल बदलाव और स्ट्रेस
कई बार शरीर में हो रहे हॉर्मोनल बदलाव और ज्यादा स्ट्रेस के कारण भी वेजाइनल डिस्चार्ज बढ़ सकता है। प्रेग्नेंसी, मेंस्ट्रुअल साइकिल और यहां तक कि खान-पान में बदलाव भी इस पर असर डाल सकता है।
सफेद पानी की समस्या से बचाव और समाधान
इस समस्या को कंट्रोल करने के लिए सही हाइजीन और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना बेहद जरूरी है।
साफ-सफाई का ध्यान रखें
वजाइना की सफाई के लिए केवल गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें और हार्श केमिकल युक्त साबुन से बचें। वेजाइना के नैचुरल pH को बैलेंस में रखने के लिए हल्के और माइल्ड हाइजीन प्रोडक्ट्स का ही इस्तेमाल करें।
सही कपड़े पहनें
हमेशा कॉटन के अंडरवियर का इस्तेमाल करें ताकि स्किन को सांस लेने की जगह मिले। बहुत टाइट और सिंथेटिक कपड़े पहनने से वहां नमी बनी रहती है, जिससे बैक्टीरिया और फंगस के बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है।
खान-पान का रखें ध्यान
डेली डाइट में प्रोबायोटिक्स जैसे दही और छाछ को शामिल करें, जिससे वेजाइना का हेल्दी बैक्टीरियल बैलेंस बना रहे। ज्यादा मीठे और प्रोसेस्ड फूड्स खाने से बचें क्योंकि ये यीस्ट इन्फेक्शन को बढ़ावा दे सकते हैं।
डॉक्टर से कब संपर्क करें?
अगर सफेद पानी लगातार ज्यादा मात्रा में आ रहा है, उसमें बदबू है, खुजली या जलन हो रही है, या यूरिनेशन में जलन महसूस हो रही है, तो यह किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। ऐसी स्थिति में तुरंत किसी गायनोकोलॉजिस्ट से मिलना चाहिए।
सफेद पानी आना हर महिला के लिए एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन जब यह असामान्य रूप से ज्यादा होने लगे या इसके साथ कोई और लक्षण जुड़ जाए, तो इसे नजरअंदाज करना सही नहीं है। सही हाइजीन, बैलेंस्ड डाइट और जरूरत पड़ने पर मेडिकल हेल्प से इस समस्या को कंट्रोल किया जा सकता है। महिलाओं को अपनी वेजाइनल हेल्थ को लेकर हमेशा सतर्क रहना चाहिए, ताकि किसी भी समस्या को समय रहते रोका जा सके।