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Why Do Blood Clots Occur During periods? मासिक धर्म चक्र एक सामान्य नेचुरल बायोलॉजिकल प्रक्रिया है। जिससे हर महीने एक उम्र के बाद सभी महिलाओं को गुजरना होता हैं। इस दौरान उनके शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। ऐसे में इन बदलाव को लेकर उनके मन में अनेक तरह के सवाल रहते हैं। उनमें इस दौरान योनि से रक्त प्रवाह होते हैं। ये रक्त कई बार हेवी फ्लो होते हैं, तो वहीं कुछ महिलाओं को पीरियड्स में ब्लड के थक्के आने लगते हैं। जिसे लेकर वह काफी चिंतित भी रहती है। ये ब्लड क्लॉट जेल की तरह होते हैं, जो मासिक धर्म में यूट्रस से बाहर निकलते हैं। हालांकि ये सामान्य होते हैं, जिसे लेकर चिंता की कोई बात नहीं होती लेकिन यही ब्लड क्लॉट जब ज्यादा मात्रा में और बड़े आकार में आने लगे तो इसके पीछे स्वास्थ्य संबंधी सहित कई कारण जिम्मेदार होते हैं।
पीरियड्स में बार-बार ब्लड क्लॉट्स आने के पीछे कारण
पीरियड्स के ब्लड क्लॉट रक्त वाहिका में बनने वाले क्लॉट की तरह ही होते हैं, जो छोटे-छोटे होते हैं। यह आमतौर पर सामान्य होता है, लेकिन हैवी ब्लड क्लॉट्स स्वास्थ्य स्थिति का संकेत दे सकते हैं।
1. हार्मोनल असंतुलन
हार्मोनल डिसबैलेंस के कारण महिलाओं में शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं आती हैं। इस तरह पीरियड्स में जब एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोंस के स्तर में कमी दिखने लगती हैं तो हैवी ब्लीडिंग और क्लॉट होने की संभावना बढ़ जाती है।
2. कैंसर
कई बार पीरियड्स में ब्लड क्लॉट्स आने के पीछे यूट्रस और सर्विक्स कैंसर भी जिम्मेदार होते हैं। यदि इस दौरान आपके शरीर से गहरी मेहरून या काले रंग के खून के थक्के निकलने लगे तो बिल्कुल भी इसे नजरअंदाज न करें। इसके लिए आप किसी चिकित्सक से जरूर सलाह लें।
3. एडिनोमायोसिस
यह महिलाओं में होने वाली एक गंभीर समस्या है। इसमें यूट्रस की मसल्स के भीतरी लाइनिंग में सूजन आ जाती है। जिस कारण उसका आकार बढ़ जाता है और पीरियड्स में ब्लड क्लॉट्स की संभावना शुरू हो जाते हैं।
4. मेनोपॉज
महिलाएं जब मेनोपॉज के पड़ाव में पहुंच जाती हैं तब उनमें पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं। इस दौरान हार्मोनल असंतुलन के कारण पीरियड्स में ब्लड क्लॉट्स आने शुरू हो जाते हैं।
ब्लड क्लॉट्स को रोकने का उपाय
1. आयरन युक्त आहार
ब्लड क्लॉट्स की समस्या से निदान पाने के लिए अपने आहार को अच्छी तरह से संतुलित करना आवश्यक होता है। इस दौरान आप आयरन युक्त हरी सब्जियां, मटर, खुबानी के सेवन के साथ-साथ खुद को हाइड्रेट रखें और पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
2. ठंडी सिकाई
ब्लड क्लॉटिंग की परेशानी को कम करने के लिए आप ठंडी सिकाई कर सकती हैं। इसके लिए आप बर्फ को सूती कपड़े में बांधकर प्रभावित हिस्से की सिकाई करें। जिससे ब्लड सर्कुलेशन सही होगा और क्लॉटिंग की परेशानी कम होगी।
3. रास्पबेरी टी
क्लॉटिंग की समस्या को खत्म करने के लिए रास्पबेरी टी का सेवन करें। इसके लिए आप एक कप पानी लें और इसमें एक चम्मच रास्पबेरी टी डालें फिर 5 मिनट तक उसे उबालें। इसके बाद इसमें शहद मिलाकर पिएं, जिससे इस समस्या से राहत मिलेगी।
Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।