क्यों है ज़रूरी बेबी प्लान करने से पहले थायरॉइड को कंट्रोल करना?

हैल्थ: थायरॉइड ग्रंथि ट्राईआयोडोथायरोनिन और थायरोक्सिन नामक हार्मोन का उत्पादन करती है। जो भ्रूण के मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र में अहम भूमिका निभाते हैं, इसलिए प्रेग्नेंसी में थायरॉइड का नॉर्मल रहना बेहद ज़रूरी होता है।

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Ruma Singh
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Why Is It Important To Control Thyroid Before Pregnancy? आजकल कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण महिलाओं के प्रजनन क्षमता में कमी आ रही है। जिस कारण उन्हें गर्भधारण करना काफी मुश्किल होते जा रहा है। ऐसी ही एक समस्या है- थायरॉइड। जिसे प्रेगनेंसी के दौरान कंट्रोल रखना ज़रूरी होता है, क्योंकि थायरॉइड एक महत्वपूर्ण फर्टिलिटी ग्रंथि है जिसके गड़बड़ होने से प्रेग्नेंसी कंसीव करने की क्षमता प्रभावित हो जाती है। दरअसल थायरॉइड ग्रंथि ट्राईआयोडोथायरोनिन और थायरोक्सिन नामक हार्मोन का उत्पादन करती है। जो भ्रूण के मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र में अहम भूमिका निभाते हैं, इसलिए प्रेग्नेंसी में थायरॉइड का नॉर्मल रहना बेहद ज़रूरी होता है।

प्रेग्नेंसी से पहले थायरॉइड का कंट्रोल होना क्यों है ज़रुरी?

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बेबी प्लान करने से पहले थायरॉइड का नॉर्मल रहना ज़रूरी है, क्योंकि प्रेग्नेंसी में थाइरॉइड फंक्शन्स का स्वस्थ होना और थायराॉइड हार्मोन का संतुलित रहना आवश्यक है। ये हार्मोन शरीर की मेटाबॉलिक प्रक्रियाओं को नियंत्रित करता है और बच्चे को यह हार्मोन प्लेसेंटा के जरिए मिलता है, इसलिए मां बनने से पहले थाइरॉइड लेवल कंट्रोल होना चाहिए ताकि किसी भी प्रकार की समस्या ना आ पाएं। वैसे तो इसमें गर्भधारण से बचना चाहिए लेकिन यदि कोई महिला थायरॉइड में गर्भधारण कर लेती है, तो उस दौरान आपको तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। फिर भी एक स्वस्थ बच्चे को जन्म देने के लिए कोशिश यही करनी चाहिए कि जब यह कंट्रोल हो जाए तब गर्भधारण करें।

कैसे करें थायरॉइड को कंट्रोल?

1. एक्सरसाइज करें 

प्रतिदिन इसे कंट्रोल करने के लिए गले की एक्सरसाइज या उज्जायी प्राणायाम, अनुलोम- विलोम प्राणायाम करें। इसके अलावा आप रनिंग, जॉगिंग को भी अपने दिनचर्या में शामिल कर सकती है।

2. डाइट पर दें ध्यान 

यदि आप प्रेग्नेंट होने का प्लान कर रही हैं, तो अपनी डाइट में विटामिन ए को शामिल करें। जो थायरॉइड मेटाबॉलिज्म को रेगुलेट करने में मदद करता है। इसके लिए आप गाजर, पत्तेदार सब्जियां, स्वीट पोटैटो का सेवन कर सकती है, जो शरीर को एक्टिव रखता है।

3. अच्छी नींद ले

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इस दौरान गहरी नींद लेनी जरूरी होती है, क्योंकि अच्छी नींद इसमें दवा की तरह काम करती है। अच्छी नींद आपके लीवर को डिटॉक्स कर थायरॉइड हार्मोन को मेटाबोलाइज करने में मदद करता है।

4. अलसी बीज का सेवन करें 

यह फैटी एसिड से भरपूर रहता है, जो दिल और थायरॉइड के लिए अच्छे होते हैं। विटामिन B12 और मैग्नीशियम से भरपूर यह बीज हाइपोथायरायडिज्म से लड़ने में मदद करता है।

5. मुलेठी का सेवन 

इसके मरीज के लिए मुलेठी का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। इसका इस्तेमाल आप चाय या मुलेठी पाउडर के तौर पर भी कर सकती हैं, जो थायराइड को सही करने में मदद करता है।

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Disclaimer: इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद जानकारी केवल आपकी जानकारी के लिए है। हमेशा चिकित्सा या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।

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