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Photograph: (freepik)
Build Confidence Through Sex Education In Girls Schools: आज के समय में भी भारत जैसे समाज में जहां यौन विषयों पर खुलकर बात करना अब भी एक टैबू माना जाता है, वहां अब किशोर लड़कियों को सही और वैज्ञानिक जानकारी देना बहुत जरूरी हो गया है। सेक्स एजुकेशन सिर्फ शरीर की शारीरिक संरचना या फिर प्रजनन से जुड़ी जानकारी तक ही सीमित नहीं होती, बल्कि यह आत्म-सम्मान, आत्म-सुरक्षा और आत्मविश्वास को भी मजबूती देने में मदद करती है। इसलिए गर्ल्स स्कूलों में जब सेक्स शिक्षा को जिम्मेदारी और समझदारी के साथ लागू किया जाता है, तो यह उन लड़कियों के जीवन में गहरा सकारात्मक असर डाल सकती है। आइए जानते हैं सेक्स एजुकेशन लड़कियों में कैसे आत्मविश्वास बढ़ाने का काम करती है।
कैसा हो सेक्स एजुकेशन का पाठ्यक्रम ताकि बच्चे बनें जागरूक और समझदार?
1. लड़कियों को बॉडी अवेयरनेस के बारे में बताना
सेक्स एजुकेशन लड़कियों के लिए बहुत जरूरी है इससे वह अपने शरीर को बेहतर तरीके से समझ सकती हैं। यह ज्ञान उनके शरीर में होने वाले बदलावों जैसे पीरियड्स, हार्मोनल बदलावो को सामान्य रूप से स्वीकार करने और उन्हें शर्म की भावना से मुक्त होने में मदद करता है। इससे उनमें आत्म-सम्मान बढ़ता है।
2. सवालों के जवाब मिलने से आत्मविश्वास बढ़ना
कई बार लड़कियों के मन में यौन स्वास्थ्य या शरीर से जुड़े कई सवाल होते हैं, जिन्हें वह शर्म या डर की वजह से किसी से नहीं पूछ पातीं। स्कूलों में जब उन्हें सुरक्षित और सम्मानजनक माहौल में अच्छे से जानकारी मिलती है, तो वे खुलकर सवाल करने लगती हैं, और यह उनके आत्मविश्वास को नई दिशा देने का काम करता है।
3. अपने अधिकारों और सीमाओं के बारे में जानना
सेक्स एजुकेशन के जरिए लड़कियों को यह समझ आता है कि उनका शरीर सिर्फ उनका है और किसी को भी बिना उनकी सहमति छूने या मानसिक दबाव डालने का कोई अधिकार नहीं है। यह उन्हें कंसेंट, बॉडी बाउंड्रीज और पर्सनल सेफ्टी के बारे में सिखाता है, जिसके कारण वह खुद की सुरक्षा करना सीखती हैं और अपने लिए पहले से अधिक आत्मनिर्भर बनती हैं।
4. Myths और गलत जानकारी से छुटकारा पाना
सोशल मीडिया, फिल्मों और दोस्तों के बीच सेक्स से जुड़ी की गई बातों से कई बार लड़कियों तक अधूरी या गलत जानकारी पहुंचती है, जो उन्हें भ्रमित कर देती है। स्कूलों में सही सेक्स शिक्षा उन्हें इन मिथकों से बाहर निकलने में मदद करती है, जिससे वह इससे जुड़े फैसले सोच-समझकर और आत्मविश्वास के साथ से ले पाती हैं।
5. शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाना
सेक्स एजुकेशन की जानकारी मिलने से लड़कियां यौन संक्रमण, हाइजीन, पीरियड हेल्थ, प्रेग्नेंसी और मेंटल हेल्थ जैसी अहम बातों को अच्छे से समझती हैं। इससे वह न सिर्फ स्वस्थ लाइफस्टाइल को अपनाती हैं, बल्कि दूसरों को भी इसके बारे में जागरूक करने लगती हैं, जो एक सशक्त समाज के निर्माण की दिशा में उठाया गया अहम कदम है।