जानिए क्या होता है Hymen और इसका क्या काम होता है

यौन-स्वास्थ्य: जानिए क्या होता है हाइमन, जिसके बारे में समाज में कई तरह के मिथक प्रचलित हैं? जानिए महिलाओं के शरीर में इसका कितना और क्या महत्व है?

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Kirti Sirohi
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Know What Is Hymen And What Work It Does? हाइमन, यह शब्द आपने अक्सर सुना होगा लेकिन इसके साथ जुड़े होते हैं और भी कई शब्द जैसे सेक्स, वर्जिनिटी और महिलाओं का चरित्र। लेकिन क्या हाइमन सच में उन बातों से जुड़ा है, जो समाज में फैली हुई हैं, क्या इसका टूटना लड़की की वर्जिनिटी लूज हो जाने से जुड़ा होता है या फिर इसका कुछ और काम है? जानिए हाइमन क्या है, इसका क्या काम होता है और यह महिलाओं के शरीर में, खासकर वजाइना में क्या भूमिका निभाता है!

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हाइमन क्या होता है?

हाइमन एक पतली और फ्लेक्सिबल लेयर होती है जो महिलाओं में वजाइना की ओपनिंग के पास होती है। यह परत हर महिला की बॉडी में अलग-अलग तरह की शेप और साइज में होती है यानी किसी में बहुत पतली, किसी में मोटी, और कुछ महिलाओं में यह जन्म के समय से ही होती ही नहीं है। हमारे समाज में हाइमन को लेकर कई तरह की मान्यताएं और मिथ हैं जो महिलाओं के कैरेक्टर को भी जज करने का काम करते हैं और कई बार उनकी जान तक ले लेने की वजह बन जाते हैं लेकिन साइंस की माने तो हाइमन केवल एक बायोलॉजिकल स्ट्रक्चर होता है जो कई बार महिलाओं में जन्म से ही पूरी तरह अनुपस्थित भी हो सकता है और यह एक सामान्य बात है।

हाइमन का क्या काम होता है?

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अगर रिपोर्ट्स और एक्सपेरिमेंट्स की मानें तो हाइमन शरीर के किसी भी जरूरी प्रोसेस या कार्य का हिस्सा नहीं होता और यह बचपन में वजाइना को बाहरी इंफेक्शन से बचाने में एक बैरियर का काम करता है। अडल्ट-हुड के बाद हाइमन का यह कार्य भी खत्म हो जाता है। इसका मतलब क्योंकि यह किसी भी फिजियोलॉजिकल फंक्शन के लिए जिम्मेदार नहीं है इसलिए अगर किसी महिला में हाइमन नहीं भी हो तो कोई टेंशन वाली बात नहीं होती। 

हाइमन और वर्जिनिटी

भारत में हाइमन को लेकर लोगों की कई धारणाएं हैं जो कि एकदम गलत और बेतुकी हैं। लोग मानते हैं कि हाइमन लड़की के वर्जिन होने का सबूत होता है और यह सेक्स करने के बाद ही फट जाता है और ब्लीडिंग होती है। इसलिए एक लड़की के किसी के साथ शारीरिक संबंध रहे हैं या नहीं इसका अंदाजा sex के दौरान ब्लीडिंग होने से लगाया जाता है। लेकिन यह सच्चाई से परे है। असल में हाइमन कई कारणों जैसे खेलकूद करने, साइकिलिंग, घुड़सवारी, एक्सरसाइज़, मेंस्ट्रुअल कप या टैम्पोन का इस्तेमाल करने या स्ट्रेचिंग करने की वजह से भी टूट सकता है और यहां तक कि सभी महिलाओं में हाइमन जन्म से ही हो, यह भी जरूरी नहीं होता। इसलिए यह मानना कि हाइमन का होना या न होना एक लड़की की वर्जिनिटी का सबूत है, सबसे बड़ा मिथक है।

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क्यों जरूरी है सही जानकारी का होना?

हाइमन और वर्जिनिटी का आपस में कोई संबंध न होने के बाद भी क्या आप जानती हैं कि लोगों में यह अंधविश्वास आज भी जीवित है। कई जगह आज भी महिलाओं को शादी से पहले “वर्जिनिटी टेस्ट” करवाया जाता है जो समाज के अनुसार उनकी शुद्धता का सबूत होता है लेकिन ऐसा करना एक महिला को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने से ज्यादा कुछ नहीं है। यह टेस्ट यह न केवल गैर-वैज्ञानिक है बल्कि एक महिला की प्राइवेसी और सेल्फ-रिस्पेक्ट को भी ठेस पहुंचाता है और कई बार उनकी जान जाने का कारण तक बन जाता है। भारत में भी इस बात पर चर्चाएं और बहस भी होती हैं कि यह मानवाधिकारों का हनन है। हमें भी यह समझना जरूरी है कि एक महिला की शुद्धता या सही चरित्र की परख उसके शरीर के किसी हिस्से से नहीं बल्कि उसके विचारों और व्यवहार से होनी चाहिए।

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