Sex & Mental Health: अच्छी सेक्स लाइफ का मानसिक स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है?

एक संतुलित सेक्स लाइफ सिर्फ शरीर नहीं, दिमाग और दिल को भी संतुष्टि देती है। इसलिए खासकर महिलाओं के लिए ज़रूरी है कि वे अपनी सेक्सुअल वेलनेस को समझें और अपने पार्टनर के साथ इसपर बात करें।

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Kirti Sirohi
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Sex And Mental Health

Image: (Freepik)

What Impact Does A Good Sex Life Have On Mental Health? जब हम सेक्स की बात करते हैं तो ये बातें अक्षर बस प्लेजर, रिलेशन या अट्रैक्शन तक ही सीमित रह जाती है। लेकिन असल में यह केवल दो लोगों के बीच बने एक शारीरिक संबंधों का नाम नहीं हो सकता है और न ही उन दो लोगों की फिजिकल नीड ही है बल्कि सेक्स आपके दिमाग को रिलेक्स करने, सबकुछ बुलाकर एक पल में खो जाने का भी एहसास होता है जो आपके अंदर के तनाव को खत्म करने में मदद करता है। सेक्स एक ऐसा माध्यम है जो फिजिकल सेटिस्फेक्शन के साथ-साथ मानसिक शांति में भी मदद करता है। जानिए कि कैसे एक हेल्दी सेक्स लाइफ आपके और आपके पार्टनर के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर और ज्यादा मजबूत बनाने में एक मदद कर सकती है।

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सेक्स के मेंटल हेल्थ पर पॉजिटिव असर

हैप्पीनेस हार्मोन का रिलीज होना 

सेक्स के दौरान और बाद में शरीर में कई तरह के हॉर्मोन्स एक्टिव हो जाते हैं जो महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर सीधा सकारात्मक रूप से असर डालते हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण हार्मोन होता है ऑक्सीटोसिन! जिसे ‘लव हॉर्मोन’ कहा जाता है। यह हार्मोन सेक्स के दौरान रिलीज़ होता है और यह महिलाओं को इमोशनली अपने पार्टनर के करीब और ज्यादा सिक्योर महसूस कराता है। इसके अलावा डोपामिन और सेरोटोनिन जैसे ‘हैप्पी हॉर्मोन्स’ भी मूड को बेहतर बनाते हैं, चिंता को कम करते हैं और मन को हल्का करने में मदद करते हैं। ऐसा हॉर्मोनल संतुलन महिलाओं को न सिर्फ खुश महसूस कराता है बल्कि उन्हें मानसिक रूप से स्टेबल और आत्मविश्वासी भी बनाता है।

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सेक्स के बाद का सेल्फ सेटिस्फेक्शन

महिलाओं के लिए सेक्स का अंतिम चरण होता है ऑर्गेज्म। इस दौरान वो बेहद खुशी और सुकून महसूस करती हैं और यह खुशी केवल शरीर से नहीं बल्कि पार्टनर के साथ बने एक स्ट्रॉन्ग इमोशनल जुड़ाव से आती है जो वे उस पल में महसूस करती हैं। यही सेटिफेक्शन उनमें सेल्फ रिस्पेक्ट और सेल्फ लव जैसी भावनाओं को भी जगाता है। महिलाओं में एक अच्छी सेक्स लाइफ आत्मविश्वास पैदा करने का काम करती है और इससे उनकी दिनभर की थकावट, चिंता और नकारात्मक सोच धीरे-धीरे कम होने लगती है।

नींद न आने की समस्या कम होती है

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एक बेहतर और प्यार भरी सेक्स ड्राइव के बाद महिलाओं को अक्सर गहरी और अच्छी नींद आती है क्योंकि इस दौरान उनकी शारीरिक थकावट और मानसिक तनाव कम हो जाते हैं और इस समय पर होने वाले हार्मोनल बदलाव भी नींद की गुणवत्ता को अच्छा करने में मदद करते हैं। और इसलिए जब आपका दिमाग शांत होता है, आप संतुष्टि महसूस करती हैं और शरीर संतुलन में होता है तो नींद न केवल जल्दी आती है बल्कि गहरी भी होती है। ऐसे में महिलाओं का आने वाला दिन एनर्जेटिक और पॉजिटिव रहता है।

स्ट्रेस और एंजाइटी में राहत

सेक्स एक नैचुरल स्ट्रेस-बस्टर की तरह काम करता है। जब महिला का शरीर एक्टिव होता है तो दिमाग में तनाव कम करने वाले हार्मोन्स रिलीज़ होते हैं। साथ ही शरीर में ब्लड फ्लो भी बढ़ता है और वह खुद को हल्का महसूस करती हैं। इसलिए नियमित रूप से एक बैलेंस सेक्स लाइफ, स्ट्रेस लेवल को लंबे समय तक कंट्रोल में रख सकती है।

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नेचुरल पेन रिलीवर 

महिलाएं हर महीने ही पीरियड्स के दर्द, सिर दर्द, कमर दर्द और इमोशनल थकान से जूझती हैं। लेकिन क्या आप जानती हैं कि सेक्स इन सब दर्दों में राहत का एक प्रभावशाली माध्यम बन सकता है। सेक्स के दौरान रिलीज़ होने वाले एंडॉर्फ़िन्स हार्मोन शरीर में दर्द को कम करने के लिए नेचुरल एलिमेंट की तरह काम करते हैं। इससे सिरदर्द और माइग्रेन जैसी समस्याओं में भी आराम मिलता है।

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