महिलाएं को सपने देखने की आजादी आज भी बहुत कम है। उनके सपनों को ज्यादा भाव दिया नहीं जाता है। उन्हें हमेशा नीचा दिखाया जाता है और सपने पूरे करने का मौका भी नहीं दिया जाता है।
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