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हमारे समाज का ढांचा ऐसा बन गया है कि स्टूडेंट्स अपनी वर्थ एक एग्जाम से डिसाइड करने लगे हैं। उन्हें लगता है कि अगर हमने इसे क्लियर नहीं किया तो हम जिंदगी में कुछ नहीं कर पाएंगे। कुछ बच्चे एग्जाम में फेल होने के बाद अपनी जान तक दे देते हैं।
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